नई दिल्ली। अक्टूबर (october) के महीने में महंगाई(Dearness) का नया डोज मिलने वाला है। दरअसल, नेचुरल गैस की कीमतों में 40 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी (record increase) कर दी गई है। इससे देश में बिजली उत्पादन(power generation), उर्वरक बनाने और वाहन चलाने में इस्तेमाल होने वाली गैस महंगी हो जाने की आशंका है।
आपको बता दें कि नेचुरल गैस उर्वरक बनाने के साथ बिजली पैदा करने के लिए एक प्रमुख कच्चा माल(raw material) है। इसे सीएनजी में भी बदला जाता है और पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) यानी रसोई गैस के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
सीएनजी-पीएनजी के बढ़ेंगे दाम:
नेचुरल गैस की दरों में भारी वृद्धि से सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी होने की आशंका है, जो पहले से ही पिछले एक साल में 70 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुकी हैं। गैस की कीमतें मुद्रास्फीति को और भी बढ़ा सकती हैं जो पिछले आठ महीनों से आरबीआई के संतोषजनक स्तर से ऊपर चल रही है। महंगाई को कंट्रोल करने के लिए आरबीआई लगातार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर रहा है।
यहां नहीं पड़ेगा असर:
इससे बिजली पैदा करने की लागत में भी वृद्धि होगी लेकिन उपभोक्ताओं को कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी क्योंकि गैस से पैदा होने वाली बिजली का हिस्सा बहुत कम है। इसी तरह, उर्वरक उत्पादन की लागत भी बढ़ जाएगी लेकिन सरकार की तरफ से ऊर्वरक सब्सिडी देने से दरों में वृद्धि की संभावना नहीं है। हालांकि इस फैसले से उत्पादकों की आय में वृद्धि होने की संभावना है।