
चैत्र शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि से नया हिंदू नववर्ष प्रारंभ हो जाता है। आज यानि 13 अप्रैल, मंगलवार से नवसंवत्सर 2078 का शुभारंभ हो रहा है। चैत्र का महीना हिंदू कैलेंडर का पहला महीना माना जाता है। चैत्र प्रतिपदा से नवरात्रि का पर्व भी आरंभ होता है। महाराष्ट्र में हिंदू नववर्ष को गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के नाम से मनाया जाता है। नवसंवत्सर 2078 में मंगल राजा और मंत्री दोनों होंगे। नव-संवत्सर (Neovascular) शुरू होने के साथ ही सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। ज्योतिषों के अनुसार, इस बार नव-संवत्सर एक बेहद ही विचित्र योग में शुरू हो रहा है जिसके चलते यaह हानिकारिक परिणाम ला सकता है। आइए जानते हैं इसका महत्व।
पुराणों में 60 संवत्सरों के बारे में बताया गया है। हिंदू ग्रंथों के अनुसार, यह नव-संवत्सर 2077 चल रहा है जिसका नाम प्रमादी है। इसके अनुसार, अगला संवत्सर 2078 का नाम आनंद होगा। लेकिन ग्रहों के विचित्र योग के चलते इसका नाम राक्षस होगा।
हिंदू पंचाग के अनुसार, इसी दिन से ही चैत्र माह (Chaitra month) की नवरात्रि शुरू हो जाती है। इसे भारत में बेहद धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसे मुख्य पर्वों में से एक माना जाता है। महाराष्ट्र (Maharashtra) और मध्य में इस दिन को गुड़ी पड़वा पर्व के रूप में मनाया जाता है। वहीं, दक्षिण भारत में इस मौके पर उगादि के रूप में मनाया जाता है।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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