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गुजरात की सियासी जंग में हैदराबाद मॉडल की भी हुई एंट्री, मुस्लिम वोटरों को रिझाने में जुटे ओवैसी

October 16, 2022

नई दिल्‍ली । आने वाले दिनों में गुजरात में विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) होने हैं और अभी तक गुजरात मॉडल (Gujarat Model) और दिल्ली मॉडल (Delhi Model) के बीच टक्कर देखने को मिल रही थी. वहीं अब गुजरात की सियासी जंग में हैदराबाद मॉडल (Hyderabad Model) की भी एंट्री हो गई है. ये हैदराबाद मॉडल असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) का है. ओवैसी के निशाने पर गुजरात के मुस्लिम वोटर हैं, जिनको रिझाने के लिए वो एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं.

ओवैसी का फोकस कहां पर है?
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का सियासी कारवां बिहार और उत्तर प्रदेश होते हुए इस बार गुजरात पहुंच गया है. ओवैसी खासतौर से उन इलाकों में फोकस कर रहे हैं, जहां उनकी पार्टी ने 7 कॉरपोरेटर जीते थे. एक रिपोर्ट से पता चला कि उन बस्तियों में ओवैसी की सियासत का अच्छा खासा बोलबाला है.


आखिर क्या है ओवैसी का हैदराबाद मॉडल?

  • सबसे पहले मुस्लिम पैरोकारी
  • उसके बाद दलित-पिछड़ा गठबंधन, जिसके तहत बिहार में मायावती और उपेंद्र कुशवाहा से गठबंधन किया था तो महाराष्ट्र में प्रकाश अंबेडकर से
  • हैदराबाद में बनाए उनके स्कूल-अस्पताल जो रियायती दरों पर शिक्षा और इलाज करते हैं

ओवैसी का असर ऐसा है कि कांग्रेस के परंपरागत वोटर भी अब मजलिस का झंडा उठाने लगे हैं. वहीं एक तरफ ओवैसी हैं तो दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल हैं, जो अपने दिल्ली मॉडल के साथ गुजरात जीतने का मनसूबा रखते हैं. आप के दिल्ली मॉडल में स्कूल-अस्पताल और फ्री बिजली का दावा है. इसके साथ सॉफ्ट हिंदुत्व भी आप के एजेंडे में है.

केजरीवाल ने राजेंद्रपाल गौतम को हटाया
जिस तरह हिंदू देवताओं के कथित अपमान पर अनुसूचित जाति से आने वाले अपने मंत्री राजेंद्रपाल गौतम को केजरीवाल ने हटा दिया, उससे साफ है कि केजरीवाल हिंदू वोटरों को टारगेट कर रहे हैं. बीते दिनों अरविंद केजरीवाला ने बयान भी दिया था कि वे कृष्ण के वंशज हैं और उनका जन्म जन्माष्टमी के दिन हुआ था.

बीजेपी का गुजरात मॉडल
हालांकि, गुजरात की सियासी जंग में केजरीवाल और ओवैसी के मॉडल के अलावा बीजेपी का गुजरात मॉडल भी है, जो पिछले 21 सालों से चला आ रहा है. गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए पीएम मोदी ने वो गुजरात मॉडल बनाया जिसकी प्राथमिकता विकास और गुजरात का औद्योगीकरण है. राष्ट्रवाद और हिंदुत्व भी उसका एक हिस्सा है. इसी मॉडल के सहारे उन्होंने देश की राजनीति में कदम रखा था.

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