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यदि आप 35 साल की उम्र के बाद बन रही हैं माँ तब जरूर रखें इन बातों का ध्यान


आज के समय में महिलाएं शादी (Marriage) से पहले अपना कैरियर बनाना चाहती हैं ताकि फाइनेंशियल रूप से आत्मनिर्भर बन सकें, लेकिन कैरियर बनाने के साथ ही उनकी शादी की सही उम्र भी बीत जाती है और फिर वे शादी का फैसला लेते समय 30 वर्ष की उम्र में प्रवेश कर जाती हैं.

myUpchar के अनुसार, 30 की उम्र के बाद शादी करने के बाद बेबी प्लानिंग (Baby Planning) में भी समय लग जाता है. ऐसे में घर के बुजुर्ग भी उनके लिए चिंतित होने लगते हैं कि 35 के बाद बच्चे पैदा करने में कहीं कोई गड़बड़ न हो जाए, क्योंकि इस उम्र के बाद महिलाओं के लिए बच्चे की प्लानिंग करना जोखिम उठाने जैसा ही है. लेकिन ऐसा नहीं है, कई विशेषज्ञों की माने तो महिलाएं 35 की उम्र के बाद बिना किसी चिंता के बच्चे की प्लानिंग कर सकती हैं, लेकिन इस समय उन्हें कई बातों का ख्याल रखना होगा. आइए जानते हैं कि उन्हें किन-किन बातों की विशेष सावधानी रखना चाहिए.

कैफीनयुक्त पदार्थों का सेवन करें सीमित
यदि गर्भधारण का सोच रही हैं तो चाय-कॉफी जैसे सभी कैफीनयुक्त पदार्थ लेना कम कर दें, क्योंकि कैफीन के ज्यादा सेवन से गर्भपात होने का खतरा होता है. गर्भपात का अधिकतर खतरा 35 की उम्र के बाद ज्यादा होता है. ऐसे में कैफीन युक्त कोई भी पदार्थ लेने की आदत है तो तुरंत छोड़ दें.

वजन को रखें नियंत्रित
वजन को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है क्योंकि असंतुलित वजन होने पर हार्मोन्स पर भी प्रभाव पड़ता है, जिससे ओव्यूलेशन की प्रक्रिया प्रभावित होती है. यह स्थिति अत्यधिक वजन बढ़ने और कम होने दोनों में ही हो सकती है.

ओव्यूलेशन के चक्र का रखें विशेष ध्यान
यदि 35 वर्ष की उम्र के बाद गर्भधारण करने का सोच रही हैं तो अपने गाइकोनोलॉजिस्ट से इस विषय पर जानकारी लेती रहें कि उनका ओव्यूलेशन पीरियड कब शुरू होगा और यही वह समय होता है जब महिला गर्भधारण कर सकती हैं.

नियमित व्यायाम और सही डाइट से भी बढ़ेगी प्रजनन क्षमता
यदि नियमित रूप से आहार में प्रोटीन, विटामिन से भरपूर चीजों को शामिल करते हैं तो इससे शरीर का सिस्टम सुधरेगा और साथ नियमित रूप से व्यायाम करने से भी स्वास्थ्य बेहतर होगा. स्वास्थ्य के बेहतर होने के साथ ही प्रजनन क्षमता भी बढ़ेगी.

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें
कई रिसर्च से पता चला है कि धूम्रपान और शराब जैसी चीजों के कारण प्रजनन क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. निकोटिन अंडाशय और गर्भाशय को हानि पहुंचाते हैं. इससे अंडाणुओं की गुणवत्ता भी खराब होती है, जिससे प्रजनन क्षमता कम हो जाती है.

गर्भाधारण से पहले चिकत्सक से परामर्श जरूरी
myUpchar के अनुसार, 35 वर्ष के बाद यदि कोई महिला गर्भधारण करने का सोच रही है तो पहले किसी चिकित्सक से परामर्श जरूर लें, ताकि वे सही सलाह के साथ ही क्या करना चाहिए और क्या नहीं इस बारे में भी जानकारी दे सकें. यदि शरीर कोई हार्मोनल गड़बड़ी है तो उसके लिए भी डॉक्टर कुछ दवाइयां लिख सकते हैं. साथ ही सही डाइट की सलाह दे सकते हैं, जिससे शरीर में हार्मोनल संतुलन बना रहे.

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