नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी की वजह से इनकम से लेकर बिज़नेस तक पर बड़ी मार पड़ी है। लेकिन, अब संक्रमण का खतरा कम होने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था भी पटरी पर आ रही है। संकट की इस स्थिति से उबरने के लिए अधिकतर लोगों को कुछ पूंजी की जरूरत है ताकि वे अपने बिज़नेस को फिर से खड़ा कर सकें। इसके अलावा भी व्यक्तिगत स्तर पर कई तरह के खर्चों को पूरा करने के लिए लोन की आवश्यकता होती है।
किसी भी बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी से लोन लेने के लिए क्रेडिट स्कोर बेहद महत्वपूर्ण होता है। क्रेडिट स्कोर बेहतर होने से न केवल लोन लेने की संभावना बढ़ जाती है, बल्कि लोन की राशि भी बढ़ने की उम्मीद होती है। क्र्रेडिट स्कोर से इस बात का पता लगाया जाता है कि जिस व्यक्ति ने लोन के लिए आवेदिन किया है, क्या उस लोन दिया जा सकता है। लोन देने में कहीं जोखि़म तो नहीं है और अगर लोन दिया जा सकता है तो इसकी रकम क्या होगी।
क्रेडिट स्कोर की मदद से बैंक या नॉन : बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) ये पता लगाते हैं कि जिस व्यक्ति ने लोन के लिए आवेदन किया है, क्या उसका रीपेमेंट हिस्ट्री ठीक है। इसके पहले उस व्यक्ति ने लोन के भुगतान में कोई चूक तो नहीं की है। ये सारी बातें क्रेडिट स्कोर की मदद से तय होती हैं। ऐसे में आज हम आपको क्रेडिट स्कोर जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बात बताने जा रहे ताकि लोन के लिए आवेदन करने में आपको कोई परेशानी न हो। साथ ही अगली बार जब भी लोन के लिए आवेदन करें तो आपको अपने क्रेडिट स्कोर से जुड़ी सभी बातें पता हों।
कितना होना चाहिए क्रेडिट स्कोर : क्रेडिट स्कोर की मदद से आपके पिछले कर्ज के बारे में जानकारी मिलती है। अगर क्रेडिट स्कोर अच्छा है तभी लोन मिलता है। अगर आप समय पर ईएमआई भरते हैं तो इससे क्रेडिट स्कोर अच्छा रहता है। क्रेडिट स्कोर 300 से 900 अंक के बीच रहता है। अगर किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर 750 या उससे अधिक है तो उन्हें कर्ज मिलना आसान हो जाता है। क्रेडिट स्कोर में पिछले 24 महीने की क्रेडिट हिस्ट्री शामिल होती है।
लोन और क्रेडिट कार्ड की बारीकियां : ऐसे में किसी भी व्यक्ति के लिए जरूरी है कि उनका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो। इसके लिए बहुत मेहनत नहीं करनी है। लेकिन कुछ बातों को ध्यान में जरूर रखना होता है। अच्छे क्रेडिट स्कोर के लिए वक्त पर बिल का भुगतान करें। समय-समय पर अपने क्रेडिट स्कोर की समीक्षा करत रहें। जरूरत के हिसाब से को-ब्रांडेड कार्ड लें। बिजल बिल से लेकर इंश्योरेंस तक का भुगतार समय पर करें। गारंटी देने वाले लेनदार का लोन अकाउंट मॉनिटर करें।
कैसे तय होता है क्रेडिट स्कोर : आपके लिए ये जानना भी जरूरी है कि क्रेडिट स्कोर किस आधार पर तय होता है। क्रेडिट स्कोर तैयार करने में कुछ जरूरी बातों का खास ध्यान देना होता है। वक्त पर कर्ज चुकाने के लिए क्रेडिट स्कोर में 30 फीसदी हिस्सेदारी होती है। सिक्योर्ड या अनसिक्योर्ड लोन की 25 फीसदी हिस्सेदारी होती है। सिक्योर्ड लोन जैसे कार लोन या होम लोन आदि शामिल होता है। अनसिक्योर्ड लोन में पर्सनल लोन आदि शामिल होता है। क्रेडिट स्कोर में क्रेडिट एक्सपोजर 25 फीसदी होता है। कर्ज के इस्तेमाल के लिए क्रेडिट स्कोर में 20 फीसदी की हिस्सेदारी होती है।
कैसे देखें CIBIL रिपोर्ट : अब सवाल आता है कि आप कैसे अपना क्रेडिट स्कोर चेक करें। अपना क्रेडिट स्कोर जानने के लिए www.cibil.com पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म करें। इसके लिए आपको 550 रुपये का भुगतान करना होगा। इसके लिए एक बार ऑथेंटिकेशन की प्रक्रिया होती है। इस ऑथेंटिकेशन के बाद CIBIL स्कोर मिलेगा। ये स्कोर आपको ई-मेल के जरिए भेजा जाएगा।
कैसे सुधारें CIBIL स्कोर : अच्छे क्रेडिट स्कोर के लिए आपको कुछ बातों को जरूर ध्यान में रखना चाहिए। जैसे आप अपने क्रेडिट कार्ड की पूरी लिमिट का इस्तेमाल न करें। क्रेडिट कार्ड से ज्यादा लोन न लें। बहुत सारे लोन के लिए आवेदन न करें। होम लोन और ऑटो लोन को अहमियत दें। पर्सनल लोन लेने से बचें। क्रेडिट कार्ड बंद करने से बचें। ज्वाइंट अकाउंट खातों की समीक्षा करें। CIBIL स्कोर की समीक्षा करते रहें।
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