
नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव (assembly elections) में वोटिंग के तीन दिन बाद आज मतगणना की तारीख है। दिल्ली में मुकाबले की पृष्ठभूमि में तीनों ही मुख्य दलों- आम आदमी पार्टी (AAP), भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने परिवारवाद के मुद्दे पर एक-दूसरे को घेरा। हालांकि, इस मुद्दे को उठाने के बावजूद तीनों ही पार्टियों ने अपने नेताओं के रिश्तेदारों और करीबियों को जमकर टिकट बांटे। आज उन सबकी किस्मत का खुलासा मतपेटियों में कैद वोटों के जरिए होगा।
अगर आंकड़ों की बात करें तो तीनों पार्टियों ने परिवारवाद के विरोध में बात करने के बावजूद 22 ऐसे उम्मीदवारों को उतारा, जो उनके सांसदों या विधायकों या फिर पार्टी नेताओं के परिवार के सदस्य हैं। किस पार्टी ने कितने ऐसे उम्मीदवारों उतारे, जो किसी नेता या पूर्व नेता से संबंध रखते हैं? ऐसे जिन चेहरों की किस्मत का ताला आज खुलेगा, उनमें कौन-कौन हैं? आइये जानते हैं…
किस पार्टी ने कितने नेताओं के संबंधियों को दिए टिकट?
आंकड़ों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी ने ऐसे 11 उम्मीदवारों को उतारा है। कांग्रेस ने आठ ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं, जो कि राजनीति परिवार से संबंध रखते हैं। भाजपा ने राजनीतिक परिवारों से जुड़े ऐसे कुल तीन प्रत्याशियों को मौका दिया है।
1. कांग्रेस की तरफ से बड़े चेहरे कौन?
कांग्रेस की तरफ से किसी राजनीतिक परिवार से जुड़े आठ लोगों की किस्मत का फैसला आज होगा।
इनमें सबसे बड़ा नाम नई दिल्ली सीट से उम्मीदवार संदीप दीक्षित का है, जो कि दिल्ली की सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित के बेटे हैं।
एक और नाम पूर्व सांसद जय प्रकाश अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल का है, जो कि चांदनी चौक सीट से उम्मीदवार हैं।
वहीं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते आदर्श शास्त्री को भी कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है, उन्हें द्वारका विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है।
पार्टी ने अपने पूर्व विधायक मंगत राम सिंहल के बेटे शिवांक सिंहल को भी चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया है। उन्हें आदर्श नगर से प्रत्याशी बनाया गया है।
फरीदाबाद से पूर्व सांसद अवतार सिंह भडाना के बेटे अर्जुन भडाना को कांग्रेस ने हरियाणा से लगती बदरपुर सीट से टिकट सौंपा है।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ जंगपुरा सीट पर कांग्रेस की तरफ से फरहाद सूरी को टिकट दिया गया है। वे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रमुख ताजदार बब्बर के बेटे हैं।
कांग्रेस की तरफ से ओखला से अरीबा खान को टिकट दिया गया है। वे कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान की बेटी हैं।
इसके अलावा मुस्तफाबाद से कांग्रेस ने अली मोहम्मद को उम्मीदवार बनाया है। वे पूर्व विधायक हसन मेहंदी के बेटे हैं।
2. आम आदमी पार्टी ने भी अपनाया परिवारवाद का रास्ता
राजनीतिक पृष्ठभूमि से रिश्ता रखने वालों को टिकट देने में आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं है। पार्टी ने कुल 7 ऐसे उम्मीदवार उतारे, जो कि नेताओं के सगे-संबंधी हैं। इनमें से चार प्रत्याशी मौजूदा विधायकों के ही बेटे हैं। वहीं, बाकी दो पूर्व विधायक या सांसद से जुड़े हैं। इसके अलावा आप ने अपनी चार पार्षद के पतियों को भी टिकट दिया है। यानी कुल मिलाकर आप के 11 प्रत्याशी किसी न किसी दल से जुड़े हैं।
आप ने मटिया महल सीट से आलेय इकबाल को उतारा है, जो कि विधायक शोएब इकबाल के बेटे हैं।
इसके अलावा कृष्णा नगर सीट से भी मौजूदा विधायक एसके बग्गा के बेटे विकास बग्गा को टिकट दिया गया है।
आम आदमी पार्टी ने चांदनी चौक सीट से विधायक प्रह्लाद सिंह साहनी के बेटे पूरनदीप सिंह साहनी को प्रत्याशी बनाया है।
वहीं, सीलमपुर सीट से भी आप ने पूर्व विधायक मतीन अहम के बेटे चौधरी जुबैर अहमद को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है।
वहीं, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक महाबल मिश्रा के बेटे विनय कुमार मिश्रा को आप ने द्वारका सीट से टिकट दिया है।
दूसरी तरफ उत्तम नगर के मौजूदा विधायक नरेश बाल्यान की जगह आप ने इस बार उनकी पत्नी पोश बाल्यान को यहां से टिकट दिया है।
आप ने त्रिनगर सीट से एक बार फिर प्रीति तोमर को उतारा है। इनके पिता जितेंद्र सिंह तोमर 2020 तक त्रिनगर सीट से ही विधायक रह चुके हैं।
इन सभी के अलावा आप ने अपनी चार पार्षद के पतियों को भी टिकट दिया है। इनमें मुंडका से जसबीर कराला को उतारा गया है, जो आप की पार्ष मनीषा कराला के पति हैं।
वहीं, सुभाष नगर से आप पार्षद मंजू सेतिया के पति सुरिंदर सेतिया को हरि नगर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
आप ने महरौली दक्षिण से निगम पार्षद रेखा चौधरी के पति महेंद्र चौधरी को महरौली विधानसभा सीट से टिकट दिया है।
इसके अलावा पार्टी ने ब्रह्मपुरी उत्तर-पूर्व से पार्षद छाया शर्मा के पति गौरव शर्मा को घौण्डा विधानसभा सीट से उतारा है।
3. भाजपा के सबसे कम परिवारवाद से जुड़े उम्मीदवार, पर दो पूर्व सीएम के बेटे
तीनों ही पार्टियों में भाजपा ने सबसे कम ऐसे उम्मीदवार उतारे, जो किसी राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हों। ऐसे उम्मीदवारों की संख्या तीन रही।
भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली सीट से प्रवेश वर्मा को उतारा है, जो कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं।
इसके अलावा पार्टी ने हरीश खुराना को मोती नगर सीट से टिकट दिया है। वे राजधानी के पूर्व सीएम मदनलाल खुराना के बेटे हैं।
लिस्ट में तीसरा नाम भुवन तंवर का है, जो कि दिल्ली कैंट सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं। वे तीन बार के पूर्व विधायक करण सिंह तंवर के बेटे हैं।
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