नैरोबी । अफ्रीका जहां इन दिनों बच्चों की शिक्षा और मनोरंजन दोनों का साधन टीवी बना हुआ है। लोगों के पास गरीबी के चलते और यहां के कई देशों के पास इंटरनेट की सामान्य व्यवस्था न होने की स्थिति में अब सरकार ने कोरोना काल में इस बच्चों को टीवी से ही घर बैठे शिक्षित करने का कदम उठाया है। केन्या के शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि कोविड-19 के मामले जब काफी हद तक कम हो जाएंगे तभी स्कूल दोबारा खोले जा सकते हैं।
अफ्रीकी देश केन्या की राजधानी नैरोबी में बच्चे अपने माता-पिता के बीच बैठकर टीवी पर कार्टून कैरेक्टर देखकर मछली (फिश) का उच्चारण सीख रहे हैं। यहां शिक्षकों और सहपाठियों की जगह टेलीविजन ने ले ली है। सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को काबू में रखने के लिए मार्च में ही स्कूलों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया था। यहां के स्कूलों को फिलहाल जनवरी तक बंद कर दिया गया है।
यूएन की एजेंसी यूनिसेफ का कहना है कि उप-सहारा अफ्रीका के देश के कम से कम आधे स्कूली छात्रों के पास इंटरनेट नहीं है। यहां लाखों बच्चे टीवी पर कार्टून देख पढ़ना सीख रहे हैं। तंजानिया का एक एनजीओ (गैर-लाभकारी संगठन) उबोंगो अफ्रीकी देशों के टीवी और रेडियो नेटवर्क को नि:शुल्क सामग्री देता है। मार्च महीने में उबोंगो ने 9 देशों में कार्यक्रम का प्रसारण किया। यह कार्यक्रम 1.2 करोड़ घरों तक पहुंचा। उबोंगा का स्वाहिली में मतलब होता है “दिमाग”। उबोंगो के संचार प्रमुख ईमान लिपुंबा कहते हैं कि अगस्त के महीने तक कार्यक्रम 20 देशों के 1.7 करोड़ घरों तक पहुंच चुका है, लिपुंबा कहते हैं कि कोविड-19 महामारी ने हमें तेजी से बढ़ने के लिए मजबूर किया है।
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