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सुधार के नाम पर तहसीलदारों और पटवारियों ने बिगाड़ दिए हजारों खसरे..किसान परेशान

  • अब 29 फरवरी तक एक बार फिर सुधार के लिए चलेगा महाअभियान

उज्जैन। पिछले साल सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश पर भूमि के खसरों में सुधार के लिए अभियान चलाया गया था, जिसके तहत कोई भी किसान खसरे की गलतियां सुधरवा सकता था, लेकिन सुधार पखवाड़े में खसरों में सुधारने के बजाए पटवारी से लेकर तहसीलदार तक ने गलतियां ही गलतियां कर दीं। अब इन्हें सुधरवाने के लिए भी आवेदकों से चक्कर कटवा रहे हैं। अब एक बार फिर सरकार ने महाअभियान चलाकर आज से 29 फरवरी तक सुधार के साथ ही प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के आदेश दिए हैं।


पिछले साल सरकार के आदेश पर लम्बे समय से खसरों में हुई गड़बडिय़ों को सुधारने के लिए पूरे साल जिला प्रशासन ने अभियान चलाया, जिसमें किसानों के आवेदन पर तहसीलदार, पटवारी से लेकर अधिकारियों ने सुधार की जगह इतनी गलतियां कर दी कि त्रुटियों का अम्बार लग गया है। अभियान की समाप्ति के बाद से ही अधिकांश आवेदक अपने खसरों को लेकर कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। दस्तावेजों में हुई गलती के आधार पर कई किसानों के खसरे ही गायब हो गए तो किसी के नाम में गलतियां कर दी गई। सामने आए आवेदनों में कई खसरों में किसानों का खसरा नं. ही बदल दिया गया। निजी जमीनों को सरकारी बता दिया गया। तहसीलदार और पटवारी ने स्वसंज्ञान लेकर न कभी इनके सुधार पर ध्यान दिया और न ही आवेदकों की सुनवाई की। यहां तक कि कई नक्शे भी बिगड़ गए। उनको लेकर भी आवेदक कार्यालय के चक्कर काटने पर मजबूर हैं। अब सरकार आज से 29 फरवरी तक महाअभियान छेड़कर सुधार की बात कह रही है।

यह गलतियां सुधरेंगी
खसरे में भू स्वामी के नाम में मात्राओं की त्रुटि का सुधार पूर्व में किसी आदेश के अमल के समय हुई बंटांकन या सर्वे नं. की त्रुटि, नाबालिग को बालिग करने के संबंधित आदेश, खसरा रोस्टर करते समय हुई किसी त्रुटि का सुधार, पूर्व में हुए किसी आदेश पर अमल नहीं किया गया हो तो उसे भी त्रुटि मानकर सुधार कार्य किया जाता है। पहले भूराजस्व संहिता में खसरे में हुई त्रुटि के सुधार के लिए तहसीलदार को अधिकार थे, लेकिन अब नई भूराजस्व संहिता लगू होने के बाद अब यह अधिकार एसड़ीएम को दिए गए हैं और यदि गलती पांच साल पुरानी हो तो कलेक्टर की अनुमति से ही त्रुटि सुधार हो सकता है।

ऑनलाइन खसरे निष्क्रिय कर डाले
कई खसरे जो पिछले दो महीने पहले तक ऑनलाइन दिख रहे थे, उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया और अब खसरे को पुन: सक्रिय करने के लिए कभी तहसील कार्यालय में आवेदन लगाने के निर्देश दिए जाते हैं तो कभी एसडीएम कार्यालय में आवेदन देने की बात कहकर धक्के खिलवाए जा रहे हैं। पटवारी और तहसीलदार इस तरह के आवेदनों में टीप डाल रहे हैं कि पखवाड़े के दौरान ये गलती ऑनलाइन की गई है, इसमें किसी का कोई दोष नहीं। सुधार के लिए भू अभिलेख विभाग जिम्मेदार है। ग्वालियर स्थित मुख्य कार्यालय से निर्देश आने के बाद ही सुधार कार्य किया जाएगा।

इंद्राज त्रुटियों में करेंगे सुधार
कल से शुरु हुए महाअभियान में राज्सव प्रकरणों के त्वरित निराकरण और राजस्व अभिलेख में दर्ज त्रुटियों को सुधार करने का काम किया जाएगा। वैसे तो सरकारी आदेश के अनुसार पटवारी पहले सम समय निर्धारित कर गांव में जाकर खसरा और बी वन का वाचन करेंगे लेकिन पटवारी और तहसीलदार राजस्व विभाग में आने वाले आवेदकनों और आवेदकों की सुनवाई ही कर लेें तो बहुत बड़ी बात है।

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