
हैदराबाद (Hyderabad) । तेलंगाना (Telangana) में क्यू फीवर (Q Fever) के बढ़ते मामले आने के बाद कई कसाइयों को शहर में बूचड़खानों से दूर रहने के लिए कहा गया है. आम तौर पर मवेशियों और बकरियों से फैलने वाले इस जीवाणु संक्रमण के कारण मरीजों को बुखार, थकान, सिरदर्द, सीने में दर्द और दस्त जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं. TOI के अनुसार हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र (NRCM) ने सीरोलॉजिकल परीक्षणों के माध्यम से पुष्टि की है कि 250 नमूनों में से 5 कसाइयों में बैक्टीरिया कॉक्सिएला बर्नेटी की वजह से होने वाला क्यू फीवर पाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 5% से कम कसाइयों में जूनोटिक रोग जैसे Psittacosis और Hepatitis E पाए गए हैं. Psittacosis संक्रमित तोते (Parrots) से इंसानों में फैलता है.
बीमारी का पता चलते ही अधिकारियों ने संक्रमित कसाइयों को बूचड़खानों से दूर रखने का आदेश दिया है. साथ ही उन्हें एडवांस डायग्नोस्टिक टेस्ट कराने की भी सलाह दी गई है. हालांकि जीएचएमसी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अब्दुल वकील ने साफ़ किया है कि अभी घबराने की कोई जरुरत नहीं है, क्योंकि अभी तक केवल कुछ कसाई संक्रमित हुए हैं. डॉक्टरों ने बताया कि सेरोपोसिटिव परीक्षण से पता चलता है कि इस संक्रमण के खिलाफ शरीर में एंटीबाडी मौजूद है. हालांकि इसका अर्थ यह नहीं है कि कसाई किसी और को भी संक्रमित कर सकते हैं.
डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा हो सकता है कि कसाई पहले भी इस बीमारी से संक्रमित हुए हो और अब उनके शरीर में एंटीबाडी बन गई हो. रोजाना जानवरों के संपर्क में रहने के कारण हवा के माध्यम से कसाइयों के संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है. क्यू बुखार, हेपेटाइटिस ई और जूनोटिक रोग, पर अध्ययन करने के लिए एनआरसीएम ने एम्स बीबीनगर के साथ समझौता भी किया है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved