
नई दिल्ली । अमेरिका और चीन (America and China) के बीच टैरिफ विवाद (Tariff dispute) और गहरा गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने 100 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान कर दिया है। इसका असर भारत (India) की अर्थव्यवस्था (economy) पर भी पड़ सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो इससे भारतीय निर्यातकों के लिए नए अवसर पैदा हो सकते हैं। उनका कहना है कि अमेरिका द्वारा चीनी उत्पादों पर 100% अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने के बाद भारतीय वस्तुओं की अमेरिकी बाजार में मांग बढ़ सकती है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO) के अध्यक्ष एससी रल्हन ने कहा, “इस बढ़ते तनाव से हमें लाभ मिल सकता है। अमेरिकी आयातक अब वैकल्पिक सप्लाई खोजेंगे और भारत उनके लिए एक विश्वसनीय विकल्प साबित हो सकता है।” आपको बता दें कि वित्तीय वर्ष 2024–25 में भारत ने अमेरिका को 86 अरब डॉलर का निर्यात किया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को चीन से आने वाले उत्पादों पर 100% अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा की है, जो 1 नवंबर से लागू होगा। इसके बाद चीनी सामान पर कुल शुल्क दर लगभग 130% हो जाएगी। यह कदम चीन द्वारा दुर्लभ धातुओं (Rare Earth Minerals) के निर्यात पर लगाए गए नए प्रतिबंधों के जवाब में उठाया गया है।
भारतीय उद्योग जगत को कैसी उम्मीदें?
टेक्सटाइल उद्योग के एक निर्यातक ने कहा, “अभी अमेरिका भारतीय वस्तुओं पर लगभग 50% शुल्क लगाता है, जिसमें 25% अतिरिक्त टैरिफ शामिल है। लेकिन चीन पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगने से हमें बाजार बढ़त मिलेगी।” खिलौना निर्यातक मनु गुप्ता ने कहा, “यह बदलाव भारतीय कंपनियों के लिए फायदेमंद रहेगा। ऊंचे शुल्क से समान अवसर बनेगा। अमेरिकी खरीदार जैसे रिटेल दिग्गज पहले से ही हमारे नए उत्पादों में रुचि दिखा रहे हैं।”
थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने चेतावनी दी है कि अमेरिका-चीन विवाद के चलते इलेक्ट्रिक वाहन, पवन टरबाइन और सेमीकंडक्टर पार्ट्स की वैश्विक कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल, फुटवियर, घरेलू उपकरण और सोलर पैनल्स के लिए चीन पर अत्यधिक निर्भर है।
भारत-अमेरिका की व्यापारिक स्थिति
अमेरिका भारत का लगातार चौथे वर्ष भी सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना हुआ है। 2024–25 में द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब डॉलर तक पहुंचा। इसमें से 86.5 अरब डॉलर निर्यात और 45.3 अरब डॉलर आयात रहा। अमेरिका भारत के कुल माल निर्यात का 18%, आयात का 6.22% और कुल व्यापार का 10.73% हिस्सा रखता है। दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत की प्रक्रिया में हैं।
भारत पर कैसा असर?
भारत के टेक्सटाइल, खिलौना, फुटवियर, इलेक्ट्रॉनिक्स और व्हाइट गुड्स सेक्टर को विशेष लाभ मिल सकता है। अमेरिका के खुदरा आयातक चीन से हटकर भारत, वियतनाम और मैक्सिको की ओर रुख कर सकते हैं। भारतीय निर्यातकों को गुणवत्ता और आपूर्ति क्षमता पर ध्यान बढ़ाना होगा ताकि यह अवसर दीर्घकालिक बन सके।
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