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भारत ने ‘ब्रह्मोस’ के एंटी शिप वर्जन का किया परीक्षण, सफलतापूर्वक मार गिराया लक्ष्‍य

नई दिल्ली । भारत ने मंगलवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के जहाज-रोधी संस्करण का परीक्षण किया। यह परीक्षण भारतीय नौसेना द्वारा किए जा रहे परीक्षणों का हिस्सा है। आज सुबह 300 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को भारतीय नौसेना के आईएनएस रणविजय से लॉन्च किया गया। ब्रह्मोस ने बंगाल की खाड़ी में निकोबार द्वीप समूह के पास अपने लक्ष्य जहाज को सफलतापूर्वक मार दिया। 800 किमी रेंज ब्रह्मोस का परीक्षण 2021 के मध्य में किया जाएगा।

​ब्रह्मोस अपनी श्रेणी में दुनिया की सबसे तेज परिचालन प्रणाली है। डीआरडीओ ने इस मिसाइल प्रणाली की मारक क्षमता मौजूदा 290 किलोमीटर से बढ़ाकर करीब 450 किलोमीटर कर दी है। ​अभी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के कई लाइव परीक्षण होने है। अगले कुछ दिनों में सेना, नौसेना और भारतीय वायुसेना 300 किलोमीटर रेंज वाली ब्रह्मोस मिसाइल से कई ऑपरेशनल फायरिंग करेंगी, जो पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे सैन्य टकराव के बीच अपनी सटीक-स्ट्राइक क्षमताओं का एक और प्रदर्शन होगा। ‘लाइव मिसाइल टेस्ट’ में इस्तेमाल की जाने वाली नॉन-न्‍यूक्लियर मिसाइल है। यह मैच 2.8 की रफ्तार यानी आवाज की रफ्तार का लगभग तीन गुना गति से उड़ती है।

​इससे पहले भारतीय सेना ने 24 नवम्बर को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र से दुनिया की सबसे तेज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सतह से सतह पर मार करने वाले संस्करण का परीक्षण किया था। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास ब्रह्मोस मिसाइल के सतह से सतह पर मार करने वाले संस्करण का यह पहला परीक्षण था। इसके लिए एक अन्य द्वीप पर लक्ष्य रखा गया था, जिसकाे मिसाइल ने सफलतापूर्वक निशाना बनाया। इससे पहले 18 अक्टूबर को ब्रह्मोस मिसाइल के नौसेना संस्करण का अरब सागर में सफल परीक्षण किया गया था। आज सुबह 300 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल एंटी शिप वर्जन को भारतीय नौसेना के आईएनएस रणविजय से लॉन्च किया गया। ब्रह्मोस ने बंगाल की खाड़ी में निकोबार द्वीप समूह के पास अपने लक्ष्य जहाज को सफलतापूर्वक मार दिया।

800 किमी. रेंज की ब्रह्मोस का परीक्षण 2021 के मध्य में
भारत और रूस ने मिलकर सुपरसोनिक क्रूज मीडियम रेंज मिसाइल ब्रह्मोस को विकसित किया है। 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक ब्रह्मोस मैक 3.5 यानी 4,300 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार से उड़ सकती है। अग्नि के सिद्धांत पर काम करने वाली इस मिसाइल में 200 किलो तक के पारंपरिक वारहेड ले जाने की क्षमता है। पहले 300 किमी. तक मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल में डीआरडीओ ने पीजे-10 परियोजना के तहत स्वदेशी बूस्टर बनाकर इसकी मारक क्षमता बढ़ा दी है। 400 किमी. से अधिक दूरी तक मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का 30 सितम्बर को सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। यह ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल के विस्तारित रेंज संस्करण का दूसरा परीक्षण था। इसके अलावा एक और वर्जन टेस्‍ट हो रहा है, जो 800 किलोमीटर की रेंज में टारगेट को हिट कर सकता है। 800 किमी. रेंज की ब्रह्मोस का परीक्षण 2021 के मध्य में किया जाएगा।

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