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रेयर अर्थ एलिमेंट्स के लिए चीन को एंड-यूजर सर्टिफिकेट दे सकता है भारत, अमेरिका से खफा है ड्रैगन

October 17, 2025

नई दिल्‍ली । ग्लोबल सप्लाई चैन में चीन (China) के बढ़ते प्रतिबंधों के बीच भारत (India) ने रेयर अर्थ एलिमेंट्स (Rare Earth Elements) और रेयर अर्थ मैग्नेट्स के आयात के लिए चीन को ‘एंड-यूजर सर्टिफिकेट’ (End-user certificate) प्रदान करने में हिचकिचाहट न दिखाने का संकेत दिया है। यह कदम भारत की एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) और रक्षा क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, जहां चीन वैश्विक उत्पादन का 90 प्रतिशत से अधिक कंट्रोल करता है।

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को संकेत दिए कि भारत अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का सम्मान करता है और जहां भी ऐसे प्रमाणपत्रों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवश्यकता होती है, वहां उन्हें प्रदान किया जाता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, “भारत अपने सभी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का सम्मान करता है, जिनमें एंड-यूजर सर्टिफिकेशन से संबंधित विभिन्न व्यवस्थाएं शामिल हैं। जहां भी यह अंतरराष्ट्रीय रूप से अनिवार्य है या किसी प्लेटफॉर्म का हिस्सा है, वहां ये प्रमाणपत्र दिए जाते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पिछले महीने तिआनजिन में हुई मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार घाटे को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया था।


चीन की चिंता: अमेरिकी बाजार तक पहुंच न बने
दरअसल, चीन इस बात को लेकर सतर्क है कि भारत को दिए जाने वाले भारी रेयर अर्थ मैग्नेट अमेरिका तक न पहुंचें। वह चाहता है कि भारत उसे यह गारंटी दे कि चीन से मिले ये कंपोनेंट केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए ही इस्तेमाल होंगे और किसी तीसरे देश- खासकर अमेरिका को निर्यात नहीं किए जाएंगे।

चीन इस समय विश्व का सबसे बड़ा रेयर अर्थ एलिमेंट्स उत्पादक देश है और दुनिया के 90 प्रतिशत से अधिक प्रोसेस्ड रेयर अर्थ्स व मैग्नेट्स चीन से ही आते हैं। पिछले कुछ महीनों में उसने इन सामग्रियों के निर्यात नियंत्रण को और कड़ा किया है, जिसमें प्रोसेसिंग तकनीक पर भी रोक शामिल है। यह कदम खासकर रक्षा और सेमीकंडक्टर उद्योगों में इनके उपयोग को सीमित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

‘एंड-यूजर सर्टिफिकेट’ क्या होता है?
यह एक आधिकारिक दस्तावेज है, जो यह प्रमाणित करता है कि कोई सामग्री, उपकरण, या तकनीक (जैसे रेयर अर्थ, हथियार, या संवेदनशील सामान) केवल एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए उपयोग की जाएगी और उसे किसी तीसरे पक्ष को ट्रांसफर या पुनः निर्यात नहीं किया जाएगा। यह प्रमाणपत्र आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय व्यापार में उपयोग होता है, विशेष रूप से संवेदनशील या दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के लिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सामग्री का दुरुपयोग न हो या यह गलत हाथों में न पहुंचे।

भारत की पहल: राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन
भारत सरकार भी इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में कदम उठा रही है। जनवरी में मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन की स्थापना की गई है। इस मिशन के तहत घरेलू उत्पादन क्षमता बढ़ाने, सप्लाई चैन को मजबूत करने और महत्वपूर्ण खनिजों जिनमें रेयर अर्थ एलीमेंट भी शामिल हैं- उनकी खोज व प्रसंस्करण को प्रोत्साहन देने की योजना है।

रेयर अर्थ एलिमेंट्स की संख्या 17 है, और इनका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, विमान इंजन, पवन टरबाइन, सेमीकंडक्टर उपकरणों और सैन्य रडार जैसे उच्च-तकनीकी उत्पादों में किया जाता है। वर्तमान में वैश्विक स्तर पर इन तत्वों की आपूर्ति पर चीन का एकाधिकार है, जिससे अमेरिका, जापान और यूरोप जैसे देश वैकल्पिक स्रोतों की तलाश में हैं।

यदि भारत और चीन के बीच इस मुद्दे पर सहमति बनती है, तो यह न केवल दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को नई दिशा दे सकता है, बल्कि वैश्विक रेयर अर्थ सप्लाई चैन पर भी इसका असर पड़ सकता है।

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