
नई दिल्ली । भारत सरकार (Government of India) ने कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स (social media posts) में भारत (India) के खिलाफ गढ़े जा रहे झूठे नैरेटिव और प्रोपेगेंडा का सच सामने लाते हुए लोगों से इससे सचेत रहने का आगाह किया है। हाल ही में पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडल्स पर एक लेटर तेजी से वायरल हो रहा था जिसमें यह दावा किया गया था कि भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की कस्टडी मांगी थी। हालांकि भारत ने इस लेटर के दावों को फर्जी बताते हुए इसे पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा का हिस्सा बताया।
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने फैक्ट चेक करते हुए बताया कि यह लेटर पूरी तरह से मनगढ़ंत है। PIB ने एक पोस्ट में कहा, “कई पाकिस्तानी प्रोपेगैंडा अकाउंट्स सोशल मीडिया पर एक लेटर शेयर कर रहे हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि यह मिनिस्ट्री ऑफ़ एक्सटर्नल अफेयर्स का एक टॉप-सीक्रेट डॉक्यूमेंट है जो कथित तौर पर ऑनलाइन लीक हो गया है। मनगढ़ंत लेटर में दावा किया गया है कि भारत सरकार ने पाकिस्तान से इमरान खान को पॉलिटिकल कैदी के तौर पर भारत भेजने के लिए कहा है।”
PIB ने अपने फैक्ट-चेक पोस्ट में कहा, “यह लेटर फेक है। इस लेटर में किए जा रहे दावे झूठे, बेबुनियाद हैं, और पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ चलाए जा रहे भ्रामक जानकारी फैलाने कैंपेन का हिस्सा हैं। बिना वेरिफाइड कंटेंट शेयर न करें। सही जानकारी के लिए सिर्फ भारत सरकार के ऑफिशियल सोर्स पर ही भरोसा करें।”
🚨 #PAKISTAN Propaganda Alert!
Several Pakistani propaganda accounts are circulating a letter on social media, claiming it to be a top-secret Ministry of External Affairs document that allegedly leaked online. The fabricated letter claims that the Indian Government has requested… pic.twitter.com/DWxalnwjjM
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 1, 2025
2 सालों से जेल में बंद हैं इमरान
गौरतलब है कि पूर्व पाकिस्तानी PM इमरान खान कई मामलों में दो साल से अधिक समय से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। खान की तीन बहनें, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ता और खैबर पख़्तूनख़्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी पिछले कुछ दिनों से अदियाला जेल के बाहर डेरा डाले हुए हैं और शहबाज शरीफ की सरकार पर इमरान खान के परिवारवालों को उनसे मिलने की इजाजत देने का दबाव बना रहे हैं। इस बीच बीते दिनों इमरान खान के बेटे ने सरकार से इस बात के सबूत पेश करने की मांग की है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक जिंदा हैं।
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