नई दिल्ली। बजट (Budget) से पहले भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के लिए अच्छी खबर आई है। दुनियाभर के ज्यादातर मुख्य अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 2025 में वैश्विक आर्थिक स्थिति कमजोर (Weak global economic position in 2025) रहेगी। लेकिन भारत (India) में कुछ सुस्ती के संकेतों के बावजूद मजबूत वृद्धि की स्थिति बने रहने की उम्मीद है। विश्व आर्थिक मंच (WEF) की गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। मुख्य अर्थशास्त्रियों के आकलन के आधार पर तैयार रिपोर्ट में विश्व आर्थिक मंच ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को इस साल महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। सर्वेक्षण में शामिल 56 प्रतिशत मुख्य अर्थशास्त्रियों ने स्थिति कमजोर रहने की आशंका जताई है।
केवल 17% अर्थशास्त्रियों ने सुधार की उम्मीद जताई है। यह प्रमुख क्षेत्रों में बढ़ती अनिश्चितता और दुनियाभर में जरूरत के मुताबिक नीतिगत कदमों की आवश्यकता को बताता है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मजबूत वृद्धि की उम्मीद है। इसके अलावा दक्षिण एशिया, विशेष रूप से भारत में भी मजबूत वृद्धि बने रहने की उम्मीद है। यूरोप के लिए परिदृश्य निराशाजनक बना हुआ है। 74% प्रतिभागियों ने इस वर्ष कमजोर या बहुत कमजोर वृद्धि की भविष्यवाणी की है।
यूरोप का हाल
डब्ल्यूईएफ ने कहा कि चीन के लिए भी दृष्टिकोण कमजोर बना हुआ है और आने वाले वर्षों में वृद्धि धीरे-धीरे धीमी होने का अनुमान है। यह रिपोर्ट दुनियाभर में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के प्रमुख मुख्य अर्थशास्त्रियों के साथ परामर्श और सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, वृद्धि के लिहाज से दक्षिण एशिया लगातार आगे बना हुआ है। 61% मुख्य अर्थशास्त्रियों को 2025 में मजबूत या बहुत मजबूत वृद्धि की उम्मीद है।
इसमें कहा गया कि क्षेत्र में यह प्रदर्शन काफी हद तक भारत में मजबूत वृद्धि का नतीजा है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। हालांकि, वर्तमान में कुछ सुस्ती के संकेत हैं। भारत के लिए नवीनतम राष्ट्रीय लेखा आंकड़ों के अनुसार, 2024 की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 5.4% रहने का अनुमान है। यह लगभग दो साल में वृद्धि की सबसे धीमी रफ्तार है। परिस्थितियों को देखते हुए केंद्रीय बैंक ने 2024-25 के लिए वृद्धि दर के अनुमान को घटाया है।
चीन में सुस्ती
उपभोक्ता मांग में कमी और कमजोर उत्पादकता के बीच चीन में सुस्ती का अनुमान है। यह वैश्विक सुधार की असमान और अनिश्चित प्रकृति को दर्शाता है। व्यापार परिदृश्य के बारे में डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 48% मुख्य अर्थशास्त्रियों ने 2025 में वैश्विक व्यापार में मात्रा के लिहाज से वृद्धि का अनुमान लगाया है। यह वैश्विक व्यापार में मजबूती को बताता है।
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