
इंदौर। राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई पूरे प्रदेश के महापौर की बैठक में इंदौर को चुंगी क्षतिपूर्ति की पूरी राशि देने का मामला उठाया गया। राज्य सरकार द्वारा हाल ही में मकान के एमओएस पर संपत्ति कर लगा दिया गया है। इसका विरोध करते हुए इस प्रावधान को हटाने की भी मांग की गई।
प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय दुबे द्वारा कल भोपाल में प्रदेशभर के महापौर की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक का उद्देश्य प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में कामकाज की एक समान व्यवस्था को लागू करने का था। इस बैठक में इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने शासन द्वारा प्रचलित व्यवस्थाओं को लेकर जोरदार घेराबंदी की। उन्होंने इंदौर नगर निगम को मिलने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि में हर महीने मनमाने तरीके से कटौती किए जाने के मुद्दे को प्रमुखता के साथ उठाया और मांग रखी कि हमें हमारी राशि पूरी दी जाए। इस पर प्रशासन की ओर से कहा गया कि नगर निगम द्वारा बिजली के बिल का भुगतान समय पर नहीं किया जाता है, इसलिए सरकार द्वारा इस राशि में से पैसे काटकर बिजली का बिल जमा करवा दिया जाता है।
शासन के इस रुख पर भी भार्गव ने आपत्ति ली और कहा कि आप हमें हमारा पैसा पूरा दीजिए। बिजली का बिल हम खुद भर देंगे। जब हम बिल भरेंगे तो कम से कम यह तो मालूम रहेगा कि कितनी राशि का बिल आया है और कितनी राशि हमारे द्वारा जमा की गई है। भार्गव ने बैठक में राज्य सरकार द्वारा भावनों के एमओएस पर भी संपत्ति कर लगाए जाने के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि पहले एमओएस पर संपत्ति कर नहीं लगता था, लेकिन अब शासन ने उस स्थान को भी संपत्ति कर के दायरे में शामिल कर दिया है। इस पर शासन की ओर से जवाब दिया गया कि इस प्रावधान से नगर निगम को तो कमाई ही होगी तो फिर इससे क्या दिक्कत है। इस जवाब पर महापौर का कहना था कि जनता को तकलीफ होगी। ऐसे में आवश्यक है कि इस प्रावधान पर पुनर्विचार किया जाए। लंबी बहस के बाद शासन इस प्रस्ताव पर फिर से विचार करने के लिए तैयार हो गया।
पार्ट प्रॉपर्टी के नक्शे भी होंगे मंजूर
बैठक में इंदौर की ओर से ही पार्ट प्रॉपर्टी के नक्शे मंजूर करने पर लगी हुई रोक का मामला उठाया गया। भार्गव का कहना था कि इस तरह की रोक के कारण लोग अपने नक्शे मंजूर नहीं कर पा रहे हैं, जिसके चलते हुए बिना अनुमति के निर्माण हो रहा है। इस पर भी शासन की ओर से सहमति दी गई है कि इस तरह के नक्शा मंजूर करने पर लगी हुई रोक को हटाया जाएगा।
स्टेडियम फ्री में दो
भार्गव ने इंदौर के नेहरू स्टेडियम के पुनर्निर्माण के लिए नगर निगम द्वारा लिए गए फैसले की भी जानकारी इस बैठक में दी। उन्होंने कहा कि यह स्टेडियम एक बार फिर नगर निगम को हस्तांतरित किया जाना है। सरकार द्वारा फैसला लेकर यह कार्य बिना स्टाम्प ड्यूटी के फ्री में किया जाए। यदि सरकार चाहे तो अपनी किसी योजना के तहत भी इस कार्य को शामिल कर देवें। इस पर भी बैठक में सहमति बन गई।
बैठक में लिए गए अन्य फैसले
अब पूरे प्रदेश में सभी नगर निगम में कर्मचारियों की हाजिरी उनके फेस आइडेंटिफिकेशन के आधार पर लगाई जाएगी। इंदौर में यह व्यवस्था पहले से लागू है।
प्रदेश की सभी नगर निगम को एनर्जी ऑडिट करने के निर्देश दिए गए हैं।
पूरे प्रदेश में सडक़ों के रेस्टोरेशन के कार्य पर सरकार द्वारा बनाए गए दल के माध्यम से नजर रखी जाएगी। इस कार्य को बेहतर गुणवत्ता का कराया जाएगा।
नए निर्माण के लिए नक्शा मंजूरी में आ रही समस्याओं का सरकार समाधान करेगी।
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