
नई दिल्ली। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) (Life Insurance Corporation of India (LIC) ने स्पष्ट किया है कि उसने गौतम अडानी समूह की कंपनियों (Gautam Adani Group companies) में निवेश स्वतंत्र रूप से और विस्तृत जांच-पड़ताल के बाद किया। एलआईसी का यह बयान अमेरिकी अखबार (American newspaper) में प्रकाशित रिपोर्ट के जवाब में आया है। दरअसल, रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि एलआईसी को सरकारी अधिकारियों ने इस साल अडानी समूह में निवेश करने के लिए प्रभावित किया था जबकि उस समय अडानी समूह भारी ऋण में था और अमेरिका में जांच का सामना कर रहा था।
क्या कहा एलआईसी ने?
एलआईसी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा-केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग या किसी अन्य निकाय की ऐसे (निवेश) निर्णयों में कोई भूमिका नहीं होती है। एलआईसी ने कहा कि कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में बुनियादी बातों और विस्तृत जांच-पड़ताल के आधार पर विभिन्न कंपनियों में निवेश के फैसले लिए हैं। भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में इसका निवेश मूल्य 2014 से 10 गुना बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये से 15.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो मजबूत फंड प्रबंधन को दर्शाता है।
निदेशक मंडल की नीतियों के अनुसार फैसला
एलआईसी के मुताबिक निवेश संबंधी निर्णय एलआईसी द्वारा विस्तृत जांच-पड़ताल के बाद उसके निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित नीतियों के अनुसार स्वतंत्र रूप से लिए गए। कंपनी ने कहा कि एलआईसी ने जांच-पड़ताल के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित किया है और इसके सभी निवेश निर्णय सभी हितधारकों के सर्वोत्तम हित में, मौजूदा नीतियों, अधिनियमों के प्रावधानों और नियामक दिशानिर्देशों के अनुपालन में लिए गए हैं।
रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस हमलावर
इस बीच, इस मीडिया रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस हमलावर है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अडानी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए एलआईसी और उसके 30 करोड़ पॉलिसी धारकों की बचत का व्यवस्थित रूप से दुरुपयोग किया गया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) को इसकी जांच करनी चाहिए क्योंकि यह विषय उसके अधिकार क्षेत्र में आता है। कांग्रेस के आरोपों पर फिलहाल अडानी समूह या सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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