
चंडीगढ़ । आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार (IPS officer Y. Puran Kumar) का आज पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया (Was Cremated today after Postmortem) । इससे पूर्व घटना के नौवें दिन आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार के परिवार ने पोस्टमार्टम के लिए सहमति दे दी थी ।
पुलिस ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पूरन कुमार ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। अधिकारी ने नौ पन्नों का एक ‘अंतिम नोट’ छोड़ा है जिसमें 15 वर्तमान और पूर्व अधिकारियों के नाम हैं, जिससे राज्य पुलिस के शीर्ष अधिकारी जातिवाद और पक्षपात के आरोपों के घेरे में आ गए हैं। इस घटना में एक नया मोड़ तब आया जब हरियाणा पुलिस के एक सहायक उप-निरीक्षक को गोली लगने से मृत पाया गया, साथ ही एक कथित सुसाइड नोट भी मिला जिसमें दिवंगत पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था।
हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को पूरन कुमार की आत्महत्या से जुड़े विवाद के बीच छुट्टी पर भेजे जाने के कुछ ही घंटों बाद, ओम प्रकाश सिंह को मंगलवार को पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया। कुमार के परिवार द्वारा उन्हें (पूरन कुमार को) परेशान करने के आरोप में उनके और अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बीच सरकार ने राज्य के डीजीपी कपूर को छुट्टी पर भेज दिया था। पूरन कुमार की पत्नी और राज्य की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार और सरकार के बीच डीजीपी कपूर और रोहतक के बर्खास्त पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एक हफ्ते से भी अधिक समय से गतिरोध जारी था।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इसे एक दुखद और संवेदनशील मामला बताते हुए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के परिवार से किए गए वादों को पूरा करने की अपील की। उन्होंने हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के साथ जाति-आधारित भेदभाव के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया, जिन्होंने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ में आत्महत्या कर ली थी।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved