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महाशिवरात्रि के दिन इन कामो को करना माना जाता है अशुभ

आज यानि 11 मार्च को है महाशिवरात्रि का पावन पर्व । आप तो जानते ही हैं कि आज महाशिवरात्रि के दिन देवो के देव महादेव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है । आपको बता दें कि धार्मिक मान्‍यता के अनुसार हर साल फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि महाशिवरात्रि का पावन पर्व के रूप में मनाया जाता है । आज के दिन भगवान शिव की कृपा पाने के लिए कई प्रकार के उपाय करतें हैं लेकिन महादेव की की आराधना करते हुए कई बार उनके भक्तों से गलती भी हो जाती है जो नही करना चाहिए । आज इस लेख के माध्‍यम से हम आपको बतानें जा रहें कि इन कामो को करना से आपको बचाना चाहिए । तो आइये जानतें हैं महाशिवरात्रि के दिन क्‍या नही करना चाहिए ।

भूलकर भी न करें ये काम
इस दिन बिना स्नान किए कुछ भी ना खाएं। व्रत नहीं है तो भी बिना स्नान किए भोजन ग्रहण नहीं करें।

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन भगवान शिव (Lord Shiva) को यदि प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस दिन काले रंग के कपड़े ना पहनें। इस दिन काले रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है।



ऐसी मान्यता है कि भक्तजनों को शिवलिंग (Shivling) पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे दुर्भाग्य आता है। ऐसा करने से धन हानि और बीमारियां भी हो सकती हैं।

शिवलिंग (Shivling) पर कभी भी तुलसी की पत्ती नहीं चढ़ाएं। शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से पहले यह ध्यान रखें कि पाश्चुरीकृत या पैकेट का दूध इस्तेमाल ना करें और शिवलिंग (Shivling) पर ठंडा दूध ही चढ़ाएं। अभिषेक हमेशा ऐसे पात्र से करना चाहिए जो सोना, चांदी या कांसे का बना हो। अभिषेक के लिए कभी भी स्टील के बर्तनों का प्रयोग ना करें।

भगवान शिव (Lord Shiva) को भूलकर भी केतकी और चंपा फूल नहीं चढ़ाएं। ऐसा कहा जाता है कि इन फूलों को भगवान शिव (Lord Shiva) ने शापित किया था। केतकी का फूल सफेद होने के बावजूद भोलेनाथ की पूजा में नहीं चढ़ाना चाहिए।

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का व्रत सुबह शुरू होता है और अगली सुबह तक रहता है। व्रती को फल और दूध ग्रहण करना चाहिए हालांकि सूर्यास्त के बाद आपको कुछ नहीं खाना चाहिए।

भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा में भूलकर भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाया जाना चाहिए। अक्षत का मतलब होता है अटूट चावल, यह पूर्णता का प्रतीक है। इसल‌िए श‌िव जी को अक्षत चढ़ाते समय यह देख लें क‌ि चावल टूटे हुए तो नहीं है।

शिवलिंग (Shivling) पर सबसे पहले पंचामृत चढ़ाना चाहिए। पंचामृत यानी दूध, गंगाजल, केसर, शहद और जल से बना हुआ मिश्रण। जो लोग चार प्रहर की पूजा करते हैं उन्हें पहले प्रहर का अभिषेक जल, दूसरे प्रहर का अभिषेक दही, तीसरे प्रहर का अभिषेक घी और चौथे प्रहर का अभिषेक शहद से करना चाहिए।

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर तीन पत्रों वाला बेलपत्र शिव को अर्पित करें और डंठल चढ़ाते समय आपकी तरफ हो। टूटे हुए या कटे-फटे बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए।

शिवलिंग (Shivling) पर कभी भी कुमकुम का तिलक ना लगाएं। महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर महादेव (Shiva) को प्रसन्न करने के लिए चंदन का टीका लगा सकते हैं। हालांकि, भक्तजन मां पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति पर कुमकुम का टीका लगा सकते हैं ।

नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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