मुंबई: झारखंड सरकार ने जैन समुदाय के तीर्थ स्थानों में से एक ‘श्री सम्मेद शिखरजी’ (Mr. Sammed Shikharji) को पर्यटन स्थल घोषित किया है. इस घोषणा के बाद से ही जैन समुदाय में झारखंड सरकार (Government of Jharkhand) को लेकर आक्रोश है. रविवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई सहित देश भर में (Mumbai) झारखंड सरकार के इस फैसले को लेकर लोगों ने विरोध जताया. इसके साथ ही हाल ही में गुजरात के पलिताना में एक जैन मंदिर में तोड़फोड़ की भी घटना घटी थी. इन सबके खिलाफ भारी संख्या में लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के लिए उतरे.
समुदाय के साधुओं ने यह भी मांग की कि पहाड़ियों को समुदाय को दे दिया जाए और 500 मीटर की परिधि तक शराब और मांसाहार पर प्रतिबंध लगा दिया जाए. शत्रुंजय गिरिराज को पवित्र माना जाता है क्योंकि पहले तीर्थंकर ने वहां मोक्ष प्राप्त किया था जबकि सम्मेद में 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया था.
मुंबई में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी. बता दें कि जैन समुदाय आज पूरे देश भर में झारखंड सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है. लेकिन मुंबई में इतनी बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की उम्मीद नहीं थी. ऐसे में पुलिस को भीड़ नियंत्रित करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी.
दरअसल, झारखंड सरकार ने जैन दिगंबर श्वेतांबर समाज के पवित्र स्थल भगवान पारसनाथ पर्वत को पर्यटक स्थल घोषित किया है. इसे ‘श्री सम्मेद शिखरजी’ तीर्थ स्थान भी कहा जाता है. पर्यटक स्थल घोषित किए जाने के बाद यहां होटल भी खुलेंगे. इसी कारण से जैन समाज नाराज है. जैन समाज का मानना है कि इससे यह पवित्र तीर्थ स्थान दूषित होगा. इसी कारण से लोग आज सड़कों पर विरोध करने उतरे हैं. इधर जैन समाज के मुनियों ने कहा है कि जो भी हमारी मांगे हैं, उन्हें शांतिपूर्वक तरीके से रखें.
वहीं गुजरात के भावनगर जिले में एक जैन मंदिर में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी. भावनगर जिले अंतर्गत पालीताना में शत्रुंजय पहाड़ी पर लगे बोर्ड और लोहे के खंभे को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. इसके बाद से जैन समुदाय में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है. पूरी घटना खंभे में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. इसके बाद से दो समुदायों सेठ आनंदजी कल्याणजी ट्रस्ट और नीलकंठ महादेव सेवा समिति के बीच माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है.
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