
श्रीनगर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (American President Donald Trump) द्वारा 50 फीसदी टैरिफ लगाने की वजह से देश के कई हिस्सों में सामानों के निर्यात में बाधा आई है लेकिन जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के किसान और व्यापारी दूसरी वजह से परेशान हैं। दरअसल, पिछले महीने हुई भारी बारिश (Heavy Rain) की वजह से 270 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) लगातार नौ दिनों तक बंद रहा। हालांकि, पिछले सप्ताह इसे खोल दिया गया लेकिन इस मार्ग पर केवल हल्के मोटर वाहनों को ही आवाजाही की अनुमति दी गई। इसकी वजह से करीब 5000 से ज्यादा ट्रक हाई वे पर फंसे हुए हैं। घाटी से देशभर के दूसरे हिस्सों में आवाजाही बाधित रहने के कारण इन ट्रकों में रखे फल अब सड़ने लगे हैं। इससे कश्मीर के फल व्यापारी गुस्से में हैं। अपना विरोध दर्ज कराने के लिए व्यापिरयों ने सोमवार को पूरे कश्मीर की फल मंडियों में हड़ताल की।
उनका कहना है कि ट्रकों की आवाजाही नहीं होने की वजह से उन्हें लगभग 800-1,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है क्योंकि ट्रकों में 90% फल सड़ चुके हैं। ये ट्रक दस दिनों से ज्यादा समय से सड़कों पर फंसे हुए हैं। व्यापारियों ने इसे ‘आर्थिक नाकेबंदी’ करार दिया है और आरोप लगाया है कि अधिकारी सड़क की मरम्मत और उसे चालू करने के लिए अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।
ट्रकों के पास रोते हुए देखे गए व्यापारी
ET से बात करते हुए उत्तरी कश्मीर के सोपोर के व्यापारी संघ के मुहम्मद अशरफ ने कहा, “यह मौसम की शुरुआत है और हमें भारी नुकसान उटाना पड़ रहा है। इस नुकसान की भरपाई करना असंभव है, जो सैकड़ों करोड़ रुपये में है।” रिपोर्ट में कहा गया है कि नेशनल हाईवे पर कई फल व्यापारियों को अपने ट्रकों के पास रोते हुए देखा गया, जो दस दिनों से ज़्यादा समय से वहां फंसे हुए हैं।
ट्रकों से सड़े फलों के रस चू रहे
फल व्यापारियों के मुताबिक, हर ट्रक में 700-1,200 पेटियाँ लदी होती हैं, जिसकी कीमत लगभग 10-15 लाख रुपये प्रति ट्रक होती है। कश्मीर में भारी बारिश और बाढ़ के कारण पहले ही कई बाग क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और अब सड़कों पर आवाजाही बंद रहने से फल सड़ रहे हैं। व्यापारियों ने बताया कि कई ट्रकों से सड़े फलों के रस चूने लगे हैं।
24 घंटों में ठीक करें हाईवे: अब्दुल्ला
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भारत सरकार से हाईवे को केंद्र शासित प्रदेश सरकार को सौंपने का आग्रह किया और आरोप लगाया है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारी यह काम नहीं कर पा रहे हैं। अब्दुल्ला ने कहा, “बस बहुत हो गया। हर दिन ये लोग (राजमार्ग अधिकारी) हमें बताते रहते हैं कि राजमार्ग जल्द ही बन जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। अगर वे राजमार्ग बहाल नहीं कर सकते, तो हमें सौंप दें। हम इसे तुरंत ठीक कर देंगे।”
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर से दिल्ली तक फल ले जाने के लिए ट्रेनों की संख्या पर्याप्त नहीं है, इसकी प्रीक्वेंसी बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी बात की और कहा कि 24 घंटे के भीतर चिंताओं का समाधान किया जाए। अब्दुल्ला की कैबिनेट के एक मंत्री जावेद डार, जिन्होंने राजमार्ग पर ट्रक चालकों से मुलाकात की, ने कहा, “राजमार्ग पर फंसे लगभग 5,000 से 6,000 ट्रक दिल्ली की ओर बढ़ सकते हैं यदि वे अगले दो दिनों के लिए श्रीनगर से दिल्ली के लिए एकतरफा यातायात की अनुमति देते हैं। यह एक चिंताजनक स्थिति है और हमें तेजी से कार्रवाई करने की जरूरत है।”
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