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अमित शाह के नए मंत्रालय में मिल रहा जॉब, उम्र 65 की है तो 15 दिन में रोजगार पक्का

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नए ‘सहकारिता मंत्रालय’ में फटाफट नौकरी मिल रही है। यदि आपकी आयु निकल गई है, यह चिंता तो बिल्कुल न करें। आपके पास अनुभव है तो 65 साल में भी नौकरी मिल जाएगी। इतना ही नहीं, नौकरी के लिए आवेदन जमा कराना, लिखित प्रवेश परीक्षा, साक्षात्कार, मेडिकल और नियुक्ति पत्र का इंतजार, ये सब झंझट नहीं है।

आवेदन जमा कराने से लेकर नियुक्ति पत्र मिलने तक, इन सब कार्यों के लिए 15 से 20 दिन का वक्त तय किया गया है। केंद्र सरकार में सहकारिता मंत्रालय का गठन इसी साल हुआ है। इसकी कमान गृह मंत्री अमित शाह को सौंपी गई है। मंत्रालय में इन दिनों तेजी से भर्तियां चल रही हैं। प्रतिनियुक्ति पर भी अधिकारियों को बुलाया जा रहा है। मध्यम एवं निचले स्तर के पदों पर जो भर्ती हो रही है, उसे कंसलटेंट का नाम दिया गया है।

अभी सहकारिता मंत्रालय के लिए दो तरह के कंसलटेंट भर्ती किए जा रहे हैं। कंसलटेंट 1 के लिए जो योग्यता निर्धारित की गई है, उसके तहत आवेदनकर्ता को डिप्टी सेक्रेटरी या अंडर सेक्रेटरी के पद से रिटायर होना जरुरी है। उसे स्थापना शाखा, सामान्य प्रशासन, विजिलेंस, कैश, वित्त, बजट, खाता प्रणाली, संसदीय मामले, आरटीआई एवं मंत्रालयों से जुड़ी अन्य गतिविधियों की जानकारी होनी चाहिए।

दोनों तरह के कंसलटेंट के लिए, केंद्रीय सेवा नियमों का अच्छे से ज्ञान होना आवश्यक है। कंसलटेंट-2 की पोस्ट पर आवेदन देने वाले व्यक्ति के लिए सेक्शन अफसर या सहायक सेक्शन अफसर के पद से रिटायर होना जरुरी है। दोनों ही पदों की भर्ती के लिए आवेदकों का केंद्रीय सचिवालय सेवा ‘सीएसएस’ से संबद्ध होना चाहिए। मंत्रालय या विभाग में नोटिंग और मसौदा कैसे तैयार किया जाता है, कंसलटेंट इस काम में पारंगत हों, यह जरूरी है। चयनित उम्मीदवारों को उनकी आखिरी सेलरी में से पेंशन घटाकर बाकी जो राशि बचेगी, उतना वेतन दिया जाएगा।


28 दिसंबर तक करें आवेदन
दोनों पदों के लिए 28 दिसंबर तक आवेदन दिया जा सकता है। योग्य उम्मीदवार को केवल साक्षात्कार के आधार पर नौकरी मिल सकती है। बाकी किसी भी जानकारी के लिए आवेदनकर्ता कृषि मंत्रालय से संपर्क कर सकते हैं। नौकरी में दिल्ली-एनसीआर वालों को प्राथमिकता मिलेगी।

अनुबंध आधार पर नियुक्ति मिलेगी
कन्सलटेंट-1 और 2 के पद पर चयनित होने वालों को सालाना वेतन वृद्धि नहीं मिलेगी। किसी भत्ते की उम्मीद न करें। घर का इंतजाम खुद को ही करना होगा। नौकरी पूरी तरह से अनुबंध आधार पर मिलेगी। यह नियुक्ति, पहले छह माह के लिए होगी। बाद में उसका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। किसी भी वक्त नौकरी से जाने के लिए कहा जा सकता है।

सरकारी खर्चे पर विदेश यात्रा की इजाजत नहीं मिलेगी। एक माह में डेढ़ दिन की छुट्टी मिलेगी। मंत्रालय में गोपनीयता को लेकर विशेष सतर्कता बरतनी होगी। नौकरी की अवधि, वेतन या भत्ते आदि बढ़ाने को लेकर विभाग को लीगल नोटिस देने का प्रावधान नहीं रखा गया है।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गत शनिवार को महाराष्ट्र के लोणी में आयोजित पद्मश्री डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटिल साहित्यसेवा जीवन गौरव पुरस्कार और सहकार परिषद एवं कृषि सम्मेलन में कहा था, कोऑपरेटिव चाहे फाइनेंस के क्षेत्र में हो, चीनी मिल के क्षेत्र में हो, दूध के क्षेत्र में हो, खाद के क्षेत्र में हो, वितरण के क्षेत्र में हो या मार्केटिंग के क्षेत्र में हो, उसे आज के समय के अनुकूल बनाना पड़ेगा।

सहकारिता यूनिवर्सिटी जल्द
बहुत जल्द सहकारिता यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी। जो क्षेत्र सहकारिता से नहीं जुड़े हैं, उन्हें किस तरीके से जोड़ा जाए, इसके लिए सचिवों की एक कमेटी काम कर रही है। देश में जल्द ही एक सहकारिता नीति लाई जाएगी।

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