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Kanpur kidnapping-murder case: सीओ समेत 11 पुलिसकर्मी निलंबित

July 24, 2020

  • दोस्तों ने पैसों के लिए रची थी साजिश
  • पांडु नदी में संजीत के शव की तलाश जारी
  • लैब असिस्टेंट संजीत यादव की हत्या
  • बहन ने पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप

कानपुर। कानपुर में लैब टेक्निशन संजीत यादव हत्या मामले में उठ रहे तमाम सवालों के बीच पुलिस विभाग में ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। अब इस मामले में 7 और पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है। इससे पहले सीओ मनोज गुप्ता और एएसपी अपर्णा गुप्ता समेत 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था। थाना प्रभारी रणजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार को भी सस्पेंड किया जा चुका है। यानी अब कुल 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। इस मामले में अब तक 5 आरोपी पकड़े जा चुके हैं।
अब इस केस में एडीजी बीपी जोगदंड को जांच सौंपी गई है। यह पता किया जाएगा कि पीड़ित परिवार ने फिरौती दी थी या नहीं। कानपुर अपहरण कांड में लैब टेक्निशन की मौत के बाद पुलिस ने कई खुलासे किए। पुलिस ने बताया कि संजीत की हत्या की साजिश रचने वाला उसका दोस्त ही था जो उसके साथ लैब में काम करता था। दरअसल पुलिस ने संजीत यादव केस में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन्होंने पूछताछ में पुलिस को बताया कि संजीत की हत्या 26-27 जून की रात में कर दी गई थी। आरोपियों ने बताया कि उन्हें फिरौती की रकम नहीं मिली थी।
वहीं पांडु नदी में संजीत के शव की तलाश की जा रही है लेकिन अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि उन्होंने संजीत की हत्या करके शव को पांडु नदी में फेंक दिया था।
पुलिस ने बताया कि दोस्तों ने ही मिलकर संजीत यादव के अपहरण और हत्या की साजिश रची थी। पुलिस ने ज्ञानेंद्र यादव नाम के शख्स को मुख्य आरोपी बताया जो संजीत के साथ लैब में काम करता था। पुलिस ने बताया कि पैसों के लिए संजीत के दोस्तों ने उसका अपहरण किया था। आरोपियों ने वारदात के लिए किराये के कमरे का इस्तेमाल किया। संजीत को अगवा करके वहीं रखा गया था।

कानपुर में लैब असिस्टेंट संजीत यादव का अपहरण करने के बाद हत्या कर दी गई है। अपहरण करने वालों ने 30 लाख रुपये की मांग की थी। पुलिस के भरोसे पर परिवार गहने-जेवर बेचकर 30 लाख की फिरौती जुटाता है। 30 लाख की फिरौती भी दे दी जाती है, लेकिन पुलिस अगवा युवक को बचा नहीं पाती और उसकी हत्या हो जाती है। संजीत यादव की बहन ने कहा कि पुलिस शुरुआत से लापरवाही कर रही है। अभी भी पुलिस को संजीत का बैग नहीं मिला है। अभी तक हमें उसकी लाश नहीं मिली है। हमें बॉडी तो दिखा दो, आखिरी बार उसकी कलाई पर राखी तो बांध लूं।
पूरा घटनाक्रम बताते हुए संजीत यादव की बहन ने कहा कि पहले बर्रा के थाना इंचार्ज रणजीत राय ने कहा, फिर मैं साउथ मैडम के पास गई थी, तो मैडम ने कहा कि जाइए पैसे की व्यवस्था कीजिए, पैसा नहीं जाएगा और बच्चा वापस आ जाएगा। उनके कहने पर हमने फिरौती की रकम दी थी। संजीत यादव की बहन ने कहा कि पुलिस की लापरवाही के कारण भाई की हत्या हुई है। मैं आईजी, डीआईजी सबके संज्ञान में मामला था, लेकिन सबने लापरवाही की। पुलिस अधिकारियों के लिए यह छोटी सी बात थी। मेरे मां-बाप के लिए इकलौता सहारा था। उन सब लोगों के लिए यह छोटी सी बात थी।

 

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