
बेंगलुरु । कर्नाटक (Karnataka) के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार (Deputy Chief Minister D. K. Shivakumar) ने रविवार को कहा कि वह नई दिल्ली (Delhi) आते-जाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल (cabinet) फेरबदल के बारे में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) बात करेंगे। सिद्धारमैया ने शनिवार को संकेत दिया कि मंत्रिमंडल में फेरबदल नवंबर के बाद होगा जब उनकी सरकार ढाई साल पूरे कर लेगी।
शिवकुमार ने राष्ट्रीय राजधानी रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं नियमित रूप से वहां (नयी दिल्ली) जाता हूं। जब भी काम होता है, मैं वहां जाता हूं। मैं आलाकमान से मिलने, आराम के लिये, खरीदारी करने और अदालती मामलों के लिए भी वहां जाता हूं।’’
बेंगलुरु की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘हमें मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार करना है। केंद्र परियोजना की कुल लागत का केवल 13 से 14 प्रतिशत ही देगा। बाकी सब कुछ हम वहन करेंगे। फिर भी हम यह काम कर रहे हैं। हम अपना काम करेंगे।’’
नागरिक हितधारकों के साथ बातचीत पर शिवकुमार ने कहा, ‘‘मैंने मोहनदास पई और किरण मजूमदार शॉ से मुलाकात की। मैंने उनकी राय ली। हम उन्हें सिर्फ इसलिए नहीं छोड़ सकते क्योंकि वे हमारी आलोचना करते हैं। वे बेंगलुरु का हिस्सा हैं। उन्होंने कुछ अच्छे सुझाव दिए हैं। हमें उन्हें लोकतांत्रिक और नौकरशाही व्यवस्था के भीतर पूरा करना होगा। वे करदाता हैं। हमें उनकी बात सुननी होगी।’’
सुरंग सड़क परियोजना के विरोध का जिक्र करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सुरंग सड़क का विरोध कोई और नहीं बल्कि तेजस्वी सूर्या कर रहे हैं। उन्होंने मुझसे मुलाकात का समय मांगा है। मैंने उन्हें मुलाकात के लिए समय दिया है। वह एक जनप्रतिनिधि हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें आकर चर्चा करने दीजिए। आलोचना करना महत्वपूर्ण नहीं है – उन्हें ऐसा करने दीजिए – लेकिन साथ ही उन्हें समाधान भी सुझाना चाहिए। जब वे स्पष्ट रूप से ‘नहीं’ कहते हैं, तो उन्हें समाधान भी बताना चाहिए। यदि उनका सुझाव व्यावहारिक है, तो हम उस पर विचार करेंगे।’’
बेंगलुरु में संपत्ति कर और संपत्ति खाता के मुद्दों को स्पष्ट करते हुए, शिवकुमार ने कहा, ‘‘बेंगलुरु में ए-खाता और बी-खाता पर बयान केवल एक टिप्पणी है और समाधान नहीं है। हमने इसकी पूरी जांच की है। भाजपा सरकार ने बी-खाता प्रणाली शुरू की थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब लोगों ने भूमि उपयोग परिवर्तन के बाद राजस्व भूमि खरीद ली है, लेकिन सुधार शुल्क का भुगतान नहीं किया है। इसलिए कोई उन्हें ऋण नहीं दे रहा है। मुझे क्या करना चाहिए? क्या मुझे इमारत गिरा देनी चाहिए? इस तरह की समस्याएं हैं। हम संपत्तियों को नियमित नहीं कर रहे हैं, बल्कि उन्हें मजबूत बना रहे हैं।’’
पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के इस आरोप पर कि सरकार अत्यधिक शुल्क लगाकर जनता को लूट रही है, शिवकुमार ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘अगर हम लूट रहे हैं तो उन्हें मेरी जेब से निकालने दीजिए।’’
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