- केन-बेतवा लिंक परियोजना के विस्थापन के लिए जमीन संबंधी समस्याएं सुलझाने की कवायद शुरू
- प्रभावित गांवों के लोगों का 1114 करोड़ से होगा विस्थापन
भोपाल। केन बेतवा लिंक परियोजना के विस्थापितों को सही मुआवजा मिले, इसके लिए राजस्व रिकॉर्ड सुधार और अपडेट करने की कवायद शुरू की गई है। राजस्व विभाग फिलहाल छतरपुर जिले से इसकी शुरुआत कर रहा है। भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना, राजस्व रिकॉर्ड दुरुस्त करने की कवायद के साथ ही विस्थापन के लिए अब छतरपुर प्रशासन को 1114 करोड़ रुपए मिले हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना अथॉरिटी (केबीएलपीए) ने परियोजना के लिए 4400 करोड़ रुपए मप्र को दिए हैं। इस राशि में से 1114 करोड़ रुपए खर्च कर परियोजना के मुख्य बांध ढोढऩ में प्रभावितों के विस्थापन का काम किया जाएगा। इसके साथ ही 3286 करोड़ रुपए खर्च कर बांध में पन्ना टाइगर रिजर्व के वन को हो रहे नुकसान की क्षतिपूर्ति की जाएगी। ढोढऩ में बनने वाले मुख्य बांध के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व के 21 गांव प्रभावित होंगे। जिसमें छतरपुर के 14 और पन्ना जिले के 7 गांव प्रभावित होंगे। 10 गांव बांध के डूब क्षेत्र में प्रभावित हो रहे हैं, जबकि वन भूमि की क्षतिपूर्ति में पन्ना जिले के 7 और छतरपुर जिले के 6 गांव मिलकार 13 गांव प्रभावित होंगे। ऐसे में कुल प्रभावित गांव की संख्या 23 है। लेकिन डूब व वन भूमि क्षति पूर्ति में दो गांव की जमीन कॉमन होने से कुल प्रभावित गांव की संख्या 21 हो रही है। छतरपुर जिले के प्रभावित सभी गांवों में एक-एक कर शिविर लगाए जाएंगे। ताकि सभी जगह राजस्व रिकॉर्ड अपडेट हो सकें। पन्ना जिले में अभी इस दिशा में प्रशासन ने काम शुरू नहीं किया है।
पन्ना टाइगर रिजर्व की 6017 हेक्टेयर वन भूमि डूब रही
ढोढऩ बांध में पन्ना टाइगर रिजर्व की 6017 हेक्टेयर वन भूमि डूब रही है, जिसमें कोर एरिया की 4141 हेक्टेयर भूमि शामिल है। इसकी भरपाई के लिए प्लान तैयार किया गया है। इस प्लान के तहत पन्ना और छतरपुर जिले के गांव कटहरी-बिल्हारा, कोनी, मझौली, गहदरा, मरहा, खमरी, कूडन, पाठापुर, नैगुवां, डुंगरिया, कदवारा, घुघरी, बसुधा की 4396 हेक्टेयर भूमि चिंहित की गई है। ये गांव पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन में स्थित है, जिसे अब कोर एरिया में परिवर्तित किया जाएगा। इसके अलावा 1621 हेक्टेयर वन भूमि के एवज में 3242 हेक्टेयर राजस्व जमीन छतरपुर जिले में चिंहित की गई है। इस भूमि पर वनीकरण किया जाएगा। जिसके लिए 3286 करोड़ रुपए का बजट राज्य शासन को दिया गया है।
घर परिवार व मवेशी भी होंगे प्रभावित
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा बनाए गए प्रारंभिक डीपीआर के मुताबिक 637 कच्चे घर, 1252 आधे कच्चे-पक्के मकान और 24 पक्के मकान डूब क्षेत्र में आ रहे हैं। प्रभावित घरों के मालिकों को मुआवजा के बतौर पक्के मकान के बदले डेढ लाख, आधा कच्चा-पक्का मकान का एक लाख और कच्चा मकान का 50 हजार रुपए मुआवजा दिया जाएगा। दस गांव के डूब क्षेत्र में जाने से न केवल वहां के लोग बल्कि पालतू मवेशी भी प्रभावित होंगे।