
नई दिल्ली । राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) के संस्थापक और बिहार की राजनीति(Bihar politics) के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक लालू प्रसाद यादव(Lalu Prasad Yadav) अब सक्रिय राजनीति से धीरे-धीरे पीछे हटते दिख रहे हैं। वर्तमान विधानसभा चुनावों में पार्टी ने तेजस्वी यादव को INDIA गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है और पूरा चुनाव प्रचार अब उन्हीं के इर्द-गिर्द केंद्रित है। दिलचस्प बात यह है कि पार्टी के पोस्टरों और बैनरों में लालू प्रसाद का नाम या चित्र कहीं नजर नहीं आ रहा। इन पोस्टरों में तेजस्वी को बिहार का नायक बताया गया है, जो सत्ता में आने पर राज्य में बड़ा बदलाव लाने का वादा कर रहे हैं।
हालांकि लालू यादव अभी भी आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, मगर खराब स्वास्थ्य के कारण सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर हैं। उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी हाल में राघोपुर के दौरे पर जरूर गईं, लेकिन लालू अब तक किसी चुनावी सभा में नजर नहीं आए हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह रणनीति सोच-समझकर अपनाई गई है ताकि लालू के शासनकाल से जुड़ी जंगलराज की छवि को पीछे छोड़ा जा सके।
एक रिपोर्ट में एक आरजेडी नेता के हवाले से कहा है, “लालू यादव की तस्वीरें एनडीए को हमें निशाना बनाने का मौका देती हैं। इस बार पूरी योजना तेजस्वी यादव को केंद्र में रखकर बनाई गई है।” फिलहाल लालू यादव सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और अपने पुराने अंदाज में विरोधियों पर तंज कस रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने 2020 के चुनाव में एनडीए से मात्र 12 सीटों के अंतर से हार झेली थी। इस बार बेहद सतर्क अभियान चला रहे हैं। वे रोजगार, संविदा कर्मियों की सेवा नियमित करने और पलायन रोकने जैसे मुद्दों पर जोर दे रहे हैं। उनका चुनावी नारा है, “बस एक मौका दीजिए, मैं 20 महीने में वो कर दिखाऊंगा जो 20 साल में नहीं हुआ।”
दिलचस्प बात यह है कि तेजस्वी यह सब अपने पिता लालू प्रसाद यादव का नाम लिए बिना कह रहे हैं मानो पार्टी की नई पहचान गढ़ने की कोशिश कर रहे हों।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved