डेस्क: हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा केस के बाद एक सवाल तेजी से उठ रहा है. आखिर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई जासूसी के लिए एक जासूस को कितने रुपए देती है? यह सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि सोशल मीडिया पर ज्योति मल्होत्रा की लग्जरी लाइफ सुर्खियों में है.
ज्योति मल्होत्रा को लेकर अब तक जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक साल 2020 तक ज्योति एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती थी. नौकरी जाने के बाद यूट्यूबर बनी. इसी दौरान ज्योति पाकिस्तान के जासूसों के संपर्क में आई और खुफिया जानकारी लीक करने लगी.
रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआई लोकेशन को सबसे पहले तरजीह देती है. यानी खुफिया जानकारी कहां से निकालनी है, इस हिसाब से पैसा तय होता है. मसलन, थाईलैंड और म्यांमार जैसे देशों के लिए कम पैसे दिए जाते हैं. वहीं भारत, अमेरिका जैसे देशों से खुफिया जानकारी निकालने के लिए आईएसआई अधिक पैसे खर्च करती है.
यानी इन देशों में काम करने वाले एजेंट को आईएसआई अधिक पैसे देती है. जासूसों को पैसे देने के लिए आईएसआई को बकायदा हर साल पाकिस्तान सरकार से 5 अरब रुपए का बजट अलॉट होता है. आईएसआई इन पैसों का उपयोग अपने कर्मचारियों को सैलरी देने और जासूसों को पैसे देने में करता है. रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआई के अधीन अभी 4 हजार कर्मचारी है.
न तो इस पर कभी पाकिस्तान की सरकार ने कुछ कहा है और न ही खुफिया एजेंसी आईएसआई ने, लेकिन पकड़े गए जासूसों ने जो खुलासे किए हैं, उसके मुताबिक जानकारी के हिसाब से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी जासूस को पैसे देती है.
पंजाब पुलिस ने फरवरी 2025 में अमृतसर से आईएसआई एजेंट को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद अमृतसर ग्रामीण के एसएसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. एसएसपी का कहना था कि आईएसआई स्मॉल इन्फॉर्मेशन के लिए 5 हजार और बिग इन्फॉर्मेशन के लिए 10 हजार रुपए देती है.
2011 में एक अमेरिकी अधिकारी को पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हुए पकड़ा गया था. उक्त अधिकारी ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान ने जासूसी के लिए उसे 3 करोड़ रुपए दिए थे. इसका अर्थ है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी पद और इन्फॉर्मेशन के आधार पर अपने जासूसों को पैसे देती है. ज्योति मल्होत्रा केस में अब तक यह जानकारी सामने नहीं आई है कि उसे कितने रुपए दिए गए थे?
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