
नई दिल्ली । गर्मी के सीजन (summer season) में भूख कम लगना सामान्य बात है. ये मौसम लोगों को पानी, पानी वाले फूड्स और कोल्ड के लिए ललचा सकता है. इसलिए ये सलाह दी जाती है कि अपच से बचने के लिए अपने शरीर की बात सुनें और आहार संबंधी निर्णय लें. न्यूट्रीशनिस्ट (nutritionist) के अनुसार, मौसम हमारे डाइजेशन (Digestion) को इफैक्ट करता है, इसके ठंडे होने पर हमें ज्यादा भूख लगती है और गर्म मौसम होने पर भूख कम लगती है. ये पानी के कम सेवन की स्थिति में भी हमें डिहाइड्रेट महसूस करा सकता है, या हमारे पाचन को सुस्त बना सकता है. दूसरी ओर, मौसम भी हमें फूड इंफेक्शन के प्रति संवेदनशील बना सकता है.
न्यूट्रीशनिस्ट बताते हैं कि हमारी भूख आमतौर पर हाइपोथैलेमस (hypothalamus) द्वारा कंट्रोल होती है, जो ब्रेन का एपेटाइट सेंटर यानी भूख का केंद्र है. ये तृप्ति (satiety) को भी कंट्रोल करता है, जो निर्धारित करता है कि आपका पेट भरा हैं या नहीं.
उन्होंने आगे कहा कि “भूख का कम होना एक प्राकृतिक और अस्थायी घटना है. जब मानसून आएगा, तो आप फिर से गर्म चाय और तले पकौड़े के लिए तरसेंगे.
न्यूट्रीशनिस्ट यह भी बताते हैं कि सर्दियों में, भूख लगना सामान्य है, क्योंकि “हमारी भूख ठंड के मौसम के परिणामस्वरूप उत्तेजित होती है, क्योंकि शरीर का तापमान गिर जाता है. ये इस तथ्य की वजह से है कि खाने से आंतरिक गर्मी उत्पन्न होती है, जिससे शरीर के तापमान में वृद्धि होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसकी पुष्टि नहीं करते है.)
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved