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माघ मास आज से प्रारंभ, भगवान कृष्ण से इसका संबंध, स्नान-दान का है विशेष महत्व

नई दिल्ली (New Delhi)। माघ के महीने (Magh Maas 2024) का संबंध भगवान कृष्ण (Lord Krishna) से होता है. माघ का महीना (Magh Maas 2024) पहले माध का महीना था, जो बाद में माघ हो गया. ‘माध’ शब्द का संबंध श्रीकृष्ण के एक स्वरूप माधव से है, इस महीने को अत्यंत पवित्र माना जाता है. इस महीने में ढेर सारे धार्मिक पर्व आते हैं, साथ ही प्रकृति भी अनुकूल होने लगती है. इसी महीने में संगम पर कल्पवास भी किया जाता है, जिससे व्यक्ति शरीर और आत्मा से नवीन हो जाता है. इस बार माघ का महीना (Magh Maas 2024) 26 जनवरी यानी से शुरू हो रहा है और 24 फरवरी को इस महीने का समापन होगा. इस मास में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी (Lord Vishnu and Goddess Lakshmi) की भी पूजा का विधान है. हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास 11 वां महीना होता है।


माघ मास में दान के नियम (Magh Mass Daan ke Niyam)
1. दान के लिए माघ के महीने को काफी शुभ माना जाता है. हालांकि इस महीने में दान करते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है।
2. जरूरी है कि आप दान कभी भी किसी दबाव में आकर ना दें.
3. दान हमेशा ऐसे व्यक्ति को देना चाहिए जिसे उसकी असल में जरूरत हो.
4. दान में दी जाने वाली सभी चीजें उत्तम कोटि की होना चाहिए.
5. दान में कभी भी मांस, मदिरा या नुकीली चीजें नहीं देनी चाहिए.
6. दान देते समय मन में हमेशा ये भाव रखें कि ये वस्तु ईश्वर की दी हुई है.
7. दान देते समय किसी भी व्यक्ति के लिए आपके मन में द्वेष नहीं होना चाहिए।

माघ मास के नियम (Magh Mass Niyam)
इस महीने में आपको सामान्य जल से स्नान करना शुरू कर देना चाहिए. इसके अलावा सुबह देर तक सोना, स्नान न करना स्वास्थ्य के लिए उत्तम नहीं होगा. इस महीने से भारी भोजन नहीं करना चाहिए. इस महीने में तिल और गुड़ का सेवन करना काफी फायदेमंद साबित होता है।

माघ मास का उपाय (Magh Mass upay)
माघ के महीने में रोज सुबह भगवान कृष्ण को पीले फूल और पंचामृत अर्पित करें. ‘मधुराष्टक’ का पाठ करें. अपनी क्षमता अनुसार रोजाना किसी गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं।

माघ महीना व्रत त्योहार लिस्ट
26 जनवरी 2024, शुक्रवार- माघ मास प्रारंभ
29 जनवरी 2024, सोमवार – सकट चौथ
2 फरवरी 2024, शुक्रवार- कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
6 फरवरी 2024, मंगलवार – षटतिला एकादशी
7 फरवरी 2024, बुधवार, – प्रदोष व्रत (कृष्ण)
8 फरवरी 2024, गुरुवार – मासिक शिवरात्रि
9 फरवरी 2024, शुक्रवार – माघ अमावस्या, मौनी अमावस्या
10 फरवरी 2024, शनिवार – माघ गुप्त नवरात्रि
11 फरवरी 2024, रविवार – पंचक शुरू
13 फरवरी 2024, मंगलवार – कुम्भ संक्रांति, गणेश जयंती, विनायक चतुर्थी
14 फरवरी 2024, बुधवार – बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा
16 फरवरी 2024, शुक्रवार – नर्मदा जयंती, रथ सप्तमी
20 फरवरी 2024, मंगलवार – जया एकादशी
21 फरवरी 2024, बुधवार – प्रदोष व्रत (शुक्ल)
22 फरवरी 2024, गुरुवार – गुरु पुष्य योग
24 फरवरी 2024, शनिवार – माघ पूर्णिमा व्रत, रविदास जयंती, ललिता जयंती।

ग्रह गोचर
1 फरवरी को बुध का मकर राशि में गोचर
5 फरवरी को मंगल का मकर राशि में गोचर
8 फरवरी को बुध मकर राशि में अस्त
11 फरवरी को शनि का कुंभ राशि में अस्त
12 फरवरी को शुक्र का मकर राशि में गोचर
13 फरवरी को सूर्य का कुंभ राशि में गोचर
20 फरवरी को बुध का कुंभ राशि में गोचर

माघ मास का महत्व (Magh Maas Significance)
माघ का महीना पवित्र नदी में स्नान, दान आदि के लिए अत्यंत शुभ माना गया है. माघ महीने में ढेर सारे धार्मिक पर्व आते हैं साथ ही प्रकृति भी अनुकूल होने लगती है. इस माह में संगम पर कल्पवास भी किया जाता है जिससे व्यक्ति शरीर और आत्मा से नया हो जाता है।

पौराणिक कथा के अनुसार माघ मास में गौतम ऋषि ने इन्द्र देव को श्राप दिया था. जब इन्द्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होने गौतम ऋषि से क्षमा याचना की. गौतम ऋषि ने इन्द्र देव को माघ मास में गंगा स्नान कर प्रायश्चित करने को कहा. तब इन्द्र देव ने माघ मास में गंगा स्नान किया था, जिसके फलस्वरूप इन्द्र देव को श्राप से मुक्ति मिली थी. इसलिए इस महीनें में माघी पूर्णिमा व माघी अमावस्या के दिन का स्नान का विशेष महत्व है।

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