
नई दिल्ली । मणिपुर(Manipur) में सैकड़ों विस्थापित लोगों(displaced people) ने बुधवार को सरकार से नाराजगी(Dissatisfaction with the government) जाहिर करते हुए वित्तीय सहायता राशि(Financial assistance amount) वापस कर दी है। इस दौरान लोगों ने 84 रुपए प्रति व्यक्ति गुजारा भत्ता दिए जाने का जोरदार विरोध किया है। जानकारी के मुताबिक यहां एक महीने के खाने के खर्च को कवर करने के लिए 30 दिनों के लिए प्रति व्यक्ति प्रति दिन 84 रुपये आवंटित किए जाते हैं।
राज्य के इम्फाल पूर्व के साजिवा में आश्रय केंद्रों में रह रहे कुल 446 लोगों ने उप-मंडल कार्यालय (SDO) तक मार्च किया और सरकार की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) योजना के तहत वितरित राशि वापस सरकार को दे दिया। लोगों ने इस योजना को यह तर्क देते हुए अस्वीकार कर दिया है कि इतने रुपए बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी अपर्याप्त है। गौरतलब है कि मई 2023 में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से मणिपुर में 60,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। इनमें से कई अभी भी राहत शिविरों या पूर्व-निर्मित आश्रयों में ही रह रहे हैं।
बुधार को एसडीओ ऑफिस के बाहर एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “84 रुपये प्रतिदिन एक समय के खाने के लिए भी पर्याप्त नहीं हैं। हम इस राशि पर गुजारा नहीं कर सकते।” एकौ सदुयेंगखोमन, दोलाईथाबी, लीतानपोकपी और मैरेनपाट के प्रदर्शनकारियों ने दस दिनों के भीतर अपने मूल गांवों में सुरक्षित पुनर्वास की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर सरकार कोई प्रतिक्रिया नहीं देती है तो वे अपना आंदोलन तेज कर देंगे। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, “आंदोलन के दौरान किसी भी अवांछित घटना के लिए सरकार जिम्मेदार होगी।”
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved