
नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम रीढ़ की हड्डी की तरह माने जाते हैं। यह क्षेत्र न सिर्फ करोड़ों लोगों को रोजगार (Employment) देता है, बल्कि नवाचार को बढ़ावा देने और स्थानीय व क्षेत्रीय विकास (Local and Regional Development) की रफ्तार बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाता है।
मेरठ में MSME फॉर भारत कॉन्क्लेव का आयोजन 18 सितंबर को शाम 4 से 6 बजे तक होगा। इसका अयोजन स्थल आईआईए ऑडिटोरियम, औद्योगिक क्षेत्र है। इस कार्यक्रम में उद्योग, व्यापार और विकास के क्षेत्र से जुड़े कई प्रमुख लोग शिरकत करेंगे।
इस मंच पर विशेषज्ञ डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, वित्त तक आसान पहुंच, सप्लाई चेन के आधुनिकीकरण, निर्यात विस्तार, कौशल विकास और नीति सुधार जैसे अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। साथ ही, फंडिंग के नए विकल्प, ब्रांडिंग और मार्केटिंग की आधुनिक तकनीकें तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के व्यावहारिक उपयोग पर भी रोशनी डाली जाएगी।
कॉन्क्लेव में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने, एमएसएमई को अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना के जरिए स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने पर विशेष फोकस रहेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मंच एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाने, उसे नई तकनीक और वित्तीय विकल्पों से जोड़ने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में अहम भूमिका निभाते हैं। मेरठ समेत देशभर के उद्यमियों के लिए यह कॉन्क्लेव एक अनूठा अवसर है, जहां उद्योग, व्यापार और विकास जगत के दिग्गज अपने अनुभव और सुझाव साझा करेंगे तथा एमएसएमई क्षेत्र को नई दिशा देने का रोडमैप तैयार करेंगे।
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