नई दिल्ली (New Delhi)। अफ्रीकी देशों के महासंघ अफ्रीकन यूनियन (federation african union) को दुनिया के सबसे अमीर और सबसे ताकतवर देशों के समूह जी-20 (G 20) में शामिल किया जाना लगभग तय हो चुका है। 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान इस पर मुहर लग सकती है। इस बीच, चीन ने गुरूवार को अफ्रीकी यूनियन की सदस्यता को समर्थन की घोषणा की। चीनी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि चीन ऐसा करने वाला पहला देश है।
सूत्रों के मुताबिक, 55 देशों के संघ ईयू को यूरोपीय संघ (ईयू) की तरह ही एक क्षेत्रीय ब्लॉक के तौर पर जी-20 का हिस्सा बनाया जा सकता है। अफ्रीकन यूनियन के एक सूत्र ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर इसकी पुष्टि की। दक्षिण अफ्रीका के एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि एयू को जी-20 ब्लॉक में शामिल करने की भाषा पर अभी चर्चा चल रही है, लेकिन शुक्रवार तक इस पर मुहर लग सकती है, हालांकि, इस पर किसी देश की तरफ से वीटो करने की संभावना से पूरी तरह इन्कार नहीं किया। इस बीच, दो भारतीय सूत्रों ने बताया है कि एयू की सदस्यता अगले साल ही औपचारिक तौर पर लागू होने की उम्मीद है, जब ब्राजील भारत से जी-20 की अध्यक्षता लेगा। किसी सदस्य ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई है। गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अफ्रीकन यूनियन को आगामी शिखर सम्मेलन में ब्लॉक की पूर्ण स्थायी सदस्यता प्रदान करने के लिए जी-20 देशों के नेताओं को पत्र लिखा था।
गुटेरस और मिलीबेन ने जताई खुशी
एयू को जी-20 की सदस्यता की संभावना बढ़ने की खबरों के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने इस पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छा होगा, क्योंकि अभी अपनी आवाज उठाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसकी भागीदारी बहुत सीमित है।
अब 80% आबादी का प्रतिनिधित्व करेगा
जी-20 देशों में अभी 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं, जिनमें कुल मिलाकर दुनिया की 65% आबादी रहती है। 55 देशों के महासंघ एयू के शामिल होने से जी-20 दुनिया की 80% आबादी की आवाज बन जाएगा। इस बीच, जर्मनी ने एयू की सदस्यता का समर्थन किया है। हालांकि, सम्मेलन में इस पर मुहर लगने को लेकर सशंकित है।
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