बड़वानी। बड़वानी जिले के वन अमले को एक तेंदुए के शावक को पिंजरे में कैद करने में सफलता मिली है। दरअसल जिले के ग्राम गोलाटा और दतवाड़ा के आसपास लगातार पिछले एक से डेढ़ माह से तेंदुए के मूवमेंट की खबरें मिल रही थी। इस दौरान तेंदुए के द्वारा किसानों के पशुओं का शिकार भी किया जा रहा था, जिससे आसपास के किसानों में भी दहशत थी। इसके बाद वन अमला भी लगातार इस पर नजर रखते हुए तेंदुए को कैद करने के लिए पिंजरा लगाने की सही जगह का चुनाव करने में लगा हुआ था।
जिसके बाद ग्राम दतवाड़ा में तेंदुए के मूवमेंट की खबरों की पुष्टि होने के बाद दतवाड़ा के ही एक किसान श्याम सिंह पिता विजय सिंह राजपूत के खेत में वन अमले ने पिंजरा लगाया था, जिसमें देर रात तेंदुए का शावक कैद हो गया। ग्रामीणों की सूचना पर वन अमले ने पहुंचकर शावक का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया, जिसमें वह पूर्णता स्वस्थ निकला। उसकी उम्र लगभग सात से आठ माह है। सूचना मिलने पर वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम भी मौके पर पहुंची। जिसके बाद तेंदुए के शावक को बड़वानी लाया गया, जहां से उसे सुरक्षित वन क्षेत्र में रिलीज किया जाएगा।
तेंदुआ शावक के पकड़ने को लेकर बड़वानी के वन मंडल अधिकारी सुखलाल भार्गव ने बताया कि वन विभाग को पिछले करीब एक से डेढ़ माह से लगातार खबरें मिल रही थीं कि दतवाड़ा गांव के आसपास तेंदुए के बच्चे का मूवमेंट हो रहा है। ऐसी स्थिति में हमने हमारे स्टाफ को अलर्ट किया गया था, जिसके बाद गुरुवार को तेंदुआ शावक पिंजरे में कैद हुआ है। भार्गव ने बताया कि वन विभाग ने पिंजरा श्याम सिंह पिता विजय सिंह राजपूत निवासी ग्राम दतवाड़ा के खेत में लगाया था। पकड़ा गया तेंदुआ शावक पूर्ण रूप से स्वस्थ है। उसकी आयु लगभग सात से आठ माह है। उन्होंने बताया कि बड़वानी जिले में तेंदुए का काफी मूवमेंट होता रहता है, कभी नर्मदा किनारे तो कभी जंगलों में अक्सर देखने में आता रहता है।
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