मुंबई। मुंबई के डोंबिवली में एक नाबालिग लड़के की वजह से करीब 75 लोगों की जान बच गई। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उसी की वजह से समय रहते लोग उस दो मंजिला इमारत से बाहर निकल गए जो कुछ ही देर बाद जमींदोज हो गई।
यह घटना डोंबिवली के कोपर इलाके में 42 साल पुराने आवासीय भवन में सुबह करीब 4.30 बजे हुई। इस इमारत में 18 परिवारों के लगभग 75 लोग रहते थे। एक अधिकारी ने कहा कि लोग समय रहते बाहर निकल गए, जिससे उनकी जान बच गई।
ये संभव हो पाया एक टीनएजर लड़के की वजह से जो उसी इमारत के अपने घर में सुबह तक वेब सीरीज देख रहा था। उसने बताया कि सुबह तक वेब सीरीज देखने के दौरान रसोई का कुछ हिस्सा गिरते हुए देखा जिसके बाद आभास हुआ कि इमारत गिरने वाली है। इसके बाद उसने सभी को इमारत खाली करने के लिए सचेत किया। उस वक्त ज्यादातर लोग सो रहे थे। इस साहसी बच्चे का नाम कुणाल मोहिते है।
उस इमारत में रहने वालों ने सुबह-सुबह इमारत के खंभों के टूटने की तेज आवाज सुनी और परिसर से बाहर निकल गए। डोंबिवली वार्ड अधिकारी भरत पवार ने कहा कि कुछ ही मिनटों में इमारत का एक हिस्सा ढह गया। खबरों के मुताबिक, यह इमारत केडीएमसी की खतरनाक इमारतों की सूची में थी।
केडीएमसी ने चार साल पहले भवन को नोटिस जारी कर इसे खाली करने को कहा था। कल्याण-डोंबिवली नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने पाया है कि रात के बाद से, भवन का प्लास्टर गिरना शुरू हो गया था, लेकिन निवासियों ने चेतावनी को अनदेखा कर दिया था। पिछले महीने भिवंडी में 45 साल पुरानी जिलानी इमारत के ढह जाने की वजह से उसमें 38 लोगों की जान चली गई थी। मार्च में, महाराष्ट्र विधान परिषद को सूचित किया गया था कि इमारत ढहने की घटनाओं ने 2015 से 2019 तक मुंबई में 106 लोगों की जान ले ली है।
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