
इन्दौर। इंदौर शहर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों सहित लगभग दो हजार से अधिक खेतों को नरवाई खत्म करने के लिए आग के हवाले कर दिया गया। मौका मुआयना कर अधिकारियों ने जहां किसानों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराए, वहीं कई हजारों रुपए का जुर्माना वसूला है। यह हमारे साथ अन्याय है। पहले शासन विकल्प बताएं व व्यवस्थाएं कराए, ना की एफआईआर। जिले के किसानों ने एफआईआर का विरोध करते हुए कलेक्टरआशीष सिंह से अपील की और कहा कि नरवाई प्रबंधन केलिए उपयोग की जाने वाली मशीनें एक से दो लाख रुपए तक की आती हैं।
छोटे किसान जो छोटे-छोटे खेतों के माध्यम से जीवनयापन कर रहे हैं, वे इतनी महंगी मशीनें कैसे खरीदें। या तो पहले प्रशासन सीएसआर या अन्य फंड से किसानों के लिए मशीनों की व्यवस्थाएं कराए या कोई अन्य विकल्प दें। अन्य अनाज उत्पादकों पर इस तरक की कार्रवाई कर प्रशासन ज्यादती कर रहा है। जल्द से जल्द सभी एफआईआर निरस्त करवाई जाए। हॉर्टिकल्चर के तहत किसानों को 29 करोड़ रुपए की राशि शासन से वसूलनी है, लेकिन आज तक यह राशि भी उपलब्ध नहीं कराई गई है। आप तो बताएं कि यह राशि मिलेगी या हम भूल जाएं।
एक्सपोर्ट की भी मांग की
समीक्षा बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह व जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन की उपस्थिति में किसानों ने प्याज के एक्सपोर्ट करने की भी मांग रखी। किसानों ने बताया कि नासिक के किसान भारी मात्रा में प्याज का उत्पादन करते हैं और बची हुई प्याज को एक्सपोर्ट कर देते हैं। इंदौर के नवजवान किसानों और उनके बच्चों के लिए इस तरह काट्रेनिंग सेशन आयोजित किए जाए, ताकि आने वाली पीढ़ी किसानी में भी इंदौर को अग्रणी बना सकें।
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