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मां सरस्‍वती को नही करना है नाराज, तो बंसत पंचमी के दिन न करें ये काम

साल 2021 में 16 फरवरी को बसंत पंचमी (Basant Panchami) का त्यौहार मनाया जाएगा। अपको बता दें कि बसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती (Mother Saraswati) का प्राकट्य हुआ था। इस वजह से बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन मां (Mother Saraswati) सरस्वती की विधि विधान से आराधना की जाती है। माता सरस्‍वती (Mother Saraswati) ज्ञान की देवी माता सरस्‍वती जिस पर अपनी कृपा कर दें उसका जीवन धन्‍य हो जाता है ।

आपको बता दें, शास्त्रों के अनुसार, बसंत पंचमी (Basant Panchami) के पावन दिन पर कुछ खास बातों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं बसंत के दिन किन बातों का ध्यान करना चाहिए…

रंग-बिरंगे वस्त्र न करें धारण
बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन रंग-बिरंगे वस्त्र न धारण करें, बल्कि पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए। बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन पीले रंग की खास अहमियत है। यह रंग मां सरस्वती (Mother Saraswati) को प्रिय है। इसलिए इस दिन विद्या की देवी (Goddess of learning) को पीले रंग के कपड़े अर्पित करें।

गलती से भी नहीं काटें पेड़-पौधे
बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन वृक्षों को भूलकर भी नहीं काटना चाहिए। दरअसल, यह पर्व प्रकृति में बदलाव का संकेत माना जाता है। इस दिन प्रकृति में बसंत ऋतु का सुंदर तथा नवीन वातावरण पूरी प्रकृति में छा जाता है



बिना नहाएँ न करें भोजन
बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन बिना नहाएँ भोजन नहीं करना चाहिए, संभव हो तो इस दिन मां सरस्वती (Mother Saraswati) के लिए उपवास रखें। धार्मिक दृष्टि से बसंत पंचमी का त्यौहार बहुत ही अहम है। यह त्यौहार ज्ञान एवं सुरों की देवी मां सरस्वती (Mother Saraswati) को समर्पित है।

मन में न लाएं किसी के प्रति बुरे विचार
शास्त्रों में बसंत पंचमी (Basant Panchami) को विद्यारंभ और अन्य तरह के मांगलिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ मुहूर्त माना गया है। बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन किसी को अपशब्द नहीं कहना चाहिए तथा ना ही किसी के प्रति मन में बुरे विचार लाने चाहिए।

मांस-मदिरा से रहें दूर
बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन लोगों को सात्विक जीवन व्यतीत करना चाहिए तथा मांस-मदिरा के सेवन से दूर रहना चाहिए। साथ ही इस दिन शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए, बल्कि ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

नोट– उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सूचना सामान्‍य उद्देश्‍य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्‍यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्‍न माध्‍यमों जैसे ज्‍योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्‍वयं की जिम्‍मेंदारी होगी ।

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