
मुरैना। मुरैना नगर निगम कार्यालय (Morena Municipal Corporation Office) से रिश्वत का मामला सामने आया है। यहां भवन निर्माण की अनुमति (Building Permission) दिलाने के नाम पर नगर निगम और राजस्व विभाग के कर्मचारियों पर रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं। एक युवक पंकज राठौर ने महापौर (Mayor) के सामने ही इन कर्मचारियों को फोन लगाकर उनकी करतूत उजागर कर दी, फोन पर कर्मचारियों की बातचीत में “रिश्वत का पूरा खेल महापौर के सामने आ गया।
महापौर के सामने फोन पर अधिकारियों ने मांगी रिश्वत
पंकज राठौर का कहना है कि उसने राजस्व विभाग के अधिकारी भारती सहित नगर निगम के निर्माण एजेंसी की परमिशन देने वाले सभी अधिकारियों ने उससे रिश्वत मांगी। उसने महापौर के सामने फोन लगाकर एक अधिकारी से बात कराई, तो उसने विधिवत किस-किस को कैसे पैसे दिए जाएंगे वह बताया। मुरैना में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका अंदाज़ा इस एक शिकायत से लगाया जा सकता है कि शहर के सूरज कुमार नामक युवक ने नगर निगम और कलेक्ट्रेट के कई कर्मचारियों पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। भवन निर्माण की अनुमति के लिए युवक से अलग-अलग कर्मचारियों ने अलग-अलग रकम मांगी।
सिलसिलेवार ढंग से समझिए किसने कितने रुपये मांगे
शिकायत पत्र के मुताबिक राजस्व विभाग के आरआई अशोक भारती ने 10,000 रुपए की रिश्वत मांगी। नगर निगम के मोहर सिंह ने नामांतरण के लिए 8,000 रुपए, शैलेंद्र श्रीवास्तव ने 6,000 रुपए और के.के. शर्मा ने साइन करने के लिए 10,000 रुपए की मांग की है। युवक ने महापौर के सामने अधिकारियों को फोन लगाकर पूरी बात फोन पर सुनाई। इन सभी रकमों के अलावा सरकारी फीस अलग से ली जायेगी। फोन पर कर्मचारियों की बात सुनकर महापौर भी हैरान रह गए। क्योंकि बातचीत में खुलेआम रकम तय की जा रही थी।
महापौर शारदा सोलंकी ने क्या कहा?
मुरैना महापौर शारदा सोलंकी का कहना है कि ‘हमारे संज्ञान में मामला आया है। युवक ने फोन पर बातचीत भी सुनाई है। मैंने तत्काल कमिश्नर को रिपोर्ट भेजी है और दोषी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। भवन निर्माण की अनुमति के नाम पर रिश्वत का ये खेल सिर्फ एक शिकायत नहीं, बल्कि सिस्टम की जमीनी हकीकत है।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी सख्ती दिखाता है, भवन निर्माण के नाम पर रिश्वतखोरी का यह मामला अब पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। महापौर ने कार्रवाई का आश्वासन जरूर दिया है, लेकिन सवाल ये है कि क्या वाकई मुरैना नगर निगम से रिश्वतखोरी खत्म हो पाएगी या नहीं।
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