
भोपाल. मध्य प्रदेश (MP) पुलिस कांस्टेबल (Police Constable) भर्ती परीक्षा में कई अभ्यर्थी (andidate) परीक्षा केंद्रों (exam centre) को लेकर खासे नाराज हैं. उनकी नाराजगी इस बात पर है कि जिन परीक्षा केंद्रों को उन्होने प्रिफरेंस में चुना था, उसकी बजाय उन्हें अन्य परीक्षा केंद्र दिए गए हैं. इनमें से कई ऐसे हैं जो 700-800 किलोमीटर दूर है. जयस विधायक ने इस बारे में कर्मचारी चयन मंडल के अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.
दरअसल, मध्य प्रदेश में इन दिनों पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा चल रही है. 40 दिनों तक चलने वाली भर्ती परीक्षा में ईएसबी (Employee Selection Board) ने पूरे प्रदेश में 16 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए हैं. यह परीक्षा केंद्र भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, नीमच, रतलाम, मंदसौर, सागर, सतना, खंडवा, गुना, दमोह, सीधी, छिंदवाड़ा और बालाघाट में है.
इतने सारे जिलों में परीक्षा केंद्र बनाने का मकसद था कि अभ्यर्थियों को गृह जिले से ज्यादा से ज्यादा 200-300 किलोमीटर ही जाना पड़े लेकिन परीक्षा से 2 दिन पहले जब एडमिट कार्ड मिलो तो कई अभ्यर्थियों के होश उड़ गए. कारण, ना केवल उन्हें ऐसे परीक्षा केंद्र मिले जो उनकी प्रिफरेंस सूची में थे ही नहीं बल्कि उनकी दूरी 700 से लेकर 800-900 किलोमीटर तक की है जो एक परीक्षार्थी के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं.
प्राथमिकता के मुताबिक नहीं मिला सेंटर
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें परीक्षा केंद्र उनकी प्राथमिकता के अनुसार नहीं, बल्कि सैकड़ों किलोमीटर दूर जिलों में आवंटित कर दिए गए हैं, जिस कारण ना केवल उनकी तैयारी प्रभावित हो रही है, बल्कि उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से भी बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. धार और झाबुआ जो गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा से लगे जिले हैं, वहां रहने वाले अभ्यर्थियों को सीधी सतना और जबलपुर जैसे जिलों में परीक्षा केंद्र मिले हैं.
ये 650 से लेकर 860 किलोमीटर तक दूर हैं, जिसकी वजह से कुछ लोगों को तो उधार तक लेकर परीक्षा देने जाना पड़ा है. धार जिले की मनावर तहसील के रहने वाले उमरबन ने बताया कि वो दोस्त से 3 हजार रुपए उधार लेकर परीक्षा देने धार से सीधी 863 किलोमीटर दूर गए थे
इसी तरह धार की रहने वाले नैना मुजाल्दे का कहना है कि उन्होने इंदौर, उज्जैन, भोपाल और रतलाम सेंटर चुना था लेकिन एग्जाम सेंटर सीधी दे दिया है तो इतने दूर जाने में बड़ी परेशानी आ रही है. 19 को मेरी परीक्षा है.
इंदौर और छिंदवाड़ा के अभ्यर्थियों की भी शिकायत
वहीं इंदौर के रहने वाले मनीष पाटीदार ने बताया कि मेरा सेंटर सीधी आया है. जबकि मेरी सेंटर चॉइस में रतलाम, नीमच, उज्जैन और इंदौर थी लेकिन मुझे सेंटर दिया है सीधी. मुझे जाने में कम से कम 15 घंटे लगेंगे. पहले मुझे इंदौर से भोपाल जाना पड़ेगा. वहां से रीवा तक ट्रेन से जाना है और फिर वहां से सीधी बस से जाना पड़ेगा. एक तो टाइम भी लगेगा, सो भी नही पाएंगे तो पेपर बिगड़ने का डर है
छिंदवाड़ा के संजीव चौरे ने बताया कि एमपी पुलिस आरक्षक परीक्षा एडमिट कार्ड नहीं आया है लेकिन सतना शहर का नाम आ गया है. एग्जाम देने सतना जायेंगे. अभी जाने का सोचा नहीं है. यहां से 400 से 500 किमी दूर है. जाने की दिक्कत है. कहा रहेंगे, क्या खाएंगे. आर्थिक दिक्कत भी है. एग्जाम की तैयारी की है तो जाना तो पड़ेगा. पहले तो जाने का साधन तलाशना है कि किस से और कैसे जाएंगे. एक दिन पहले जाना है, सेंटर देखना है. कभी गए नहीं अंजान शहर है. हमको जो सेंटर पसंद था वो पहले ही डाल दिए थे, अब मनमर्जी से सेंटर दे रहे हैं.
बीच सफर में खराब हुई बस, नहीं पहुंच सके परीक्षा केंद्र
विडंबना यह भी है कि जब दूर का एग्जाम सेंटर मिला तो इसकी भी गारंटी नहीं कि समय पर एग्जाम सेंटर पहुंच ही जाएंगे. धार जिले के कुक्षी के रहने वाले दीपक भाभर उन अभागों में से है जो धार से सतना परीक्षा देने के लिए 775 किलोमीटर का सफर तय कर जा रहे थे लेकिन सतना से 350 किलोमीटर पहले उनकी बस खराब हो गई और वो परीक्षा केंद्र तक ही नहीं पहुंच पाए. दीपक की परीक्षा 11 नवंबर को थी. इसके लिए दीपक 10 नवंबर को कुक्षी से इंदौर बस से पहुंचे. फिर इंदौर से सतना के लिए रात साढ़े आठ बजे बजे पकड़ी जो सुबह 9 बजे सतना पहुंचती है. लेकिन सतना से 350 किलोमीटर पहले नूरनगर में तड़के 4 बजे बस खराब हो गई.
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