
नई दिल्ली । कांग्रेस के मुख्यालय (Headquarters of the Congress)का आज से पता बदल गया है और नए दफ्तर के उद्घाटन (inauguration of new office)के मौके पर इंदिरा भवन में आयोजन(organized at Indira Bhawan) था। इस मौके पर राहुल गांधी ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया तो एक बात ऐसी कह गए कि विवाद छिड़ गया। राहुल गांधी ने कहा कि हमारी लड़ाई भाजपा और आरएसएस जैसे राजनीतिक संगठन से ही नहीं है बल्कि भारतीय राज्य से भी है। राहुल गांधी ने कहा, ‘यदि आप यह समझ रहे हैं कि हम भाजपा और आरएसएस जैसे राजनीतिक संगठनों से लड़ रहे हैं तो यह गलत है। इन दोनों ने देश के हर संस्थान पर कब्जा कर लिया है। अब हम भाजपा, आरएसएस और इंडियन स्टेट से भी लड़ रहे हैं।’
उनके इस बयान पर भाजपा भड़क गई है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम कविंद्र गुप्ता ने कहा कि अब कांग्रेस हाशिये पर जाने वाली है। ये लोग लड़ते-लड़ते खुद खत्म होने वाली है। ऐसी विचारधारा तो हाशिये पर ही ले जाने वाली है। भाजपा की ओर से राहुल गांधी से माफी की मांग की जा रही है तो वहीं कांग्रेस के नेता बचाव में उतर आए हैं। सचिन पायलट ने कहा कि राहुल गांधी के बयान को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है। उनके बयान को समग्रता से देखना चाहिए। उनका कहना था कि सभी संवैधानिक संस्थाओं पर आरएसएस से जुड़े लोगों का कब्जा हो गया है और न्याय नहीं मिल पा रहा।
उनके अलावा कांग्रेस महासचिव बीके हरिप्रसाद ने भी कहा कि राहुल गांधी के बयान में कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने संस्थाओं में संघ के लोगों को भरे जाने की बात कही थी। इसी को लेकर उनकी यह टिप्पणी आई। फिलहाल भाजपा की ओर से मांग की जा रही है कि राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए। वहीं भाजपा के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने लिखा, ‘राहुल गांधी ने अब भारतीय राज व्यवस्था के खिलाफ खुली लड़ाई का ऐलान कर दिया है। यह सीधे ‘जॉर्ज सोरोस’ की ‘प्लेबुक’ से लिया गया है।’
क्या बोले राहुल गांधी, जिस पर मच गया बवाल
राहुल गांधी ने कहा, ‘यह मत सोचिए कि हम निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। इसमें कोई निष्पक्षता नहीं है। यदि आप मानते हैं कि हम भाजपा नामक एक राजनीतिक संगठन से लड़ रहे हैं या हम आरएसएस नामक एक राजनीतिक संगठन से लड़ रहे हैं तो आप नहीं समझ पाए हैं कि क्या हो रहा है। भाजपा और आरएसएस ने हमारे देश के प्रत्येक संस्थान पर कब्जा कर लिया है। अब हम सिर्फ भाजपा नामक राजनीतिक संगठन और आरएसएस से नहीं, बल्कि ‘इंडियन स्टेट’ से भी लड़ रहे हैं।’
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