
नई दिल्ली । आलियांज SE (Allianz SE)मुकेश अंबानी (mukesh ambani)की अगुवाई वाली जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) के साथ भारतीय लाइफ (Indian Life)और जनरल इंश्योरेंस मार्केट (General Insurance Market)में दोबारा कदम रखने के लिए गठजोड़ की कोशिशों में जुट गया है। इससे पहले, आलियांज ने बजाज ग्रुप के साथ अपने 24 साल के ज्वाइंट वेंचर को समाप्त करने की घोषणा की थी। जर्मन फाइनेंशियल सर्विस दिग्गज आलियांज, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी और बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में अपनी 26% हिस्सेदारी 2.8 अरब डॉलर में अपने भारतीय साझेदार को बेचेगा। इस राशि का भुगतान कई किस्तों में हो सकता है।
ईटी की खबर के मुताबिक आलियांज और Jio Financial की मालिक रिलायंस इंडस्ट्रीज के अधिकारियों के बीच कई महीनों से बातचीत चल रही है। यह बातचीत तेज हो गई जब पिछले अक्टूबर में यह सार्वजनिक हुआ कि आलियांज “सक्रिय रूप से अपनी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहा है”। हाल के हफ्तों में यह बातचीत और तेज हुई है।
प्रमोटर के रूप में हटाना लंबित
जर्मनी के म्यूनिख स्थित समूह (आलियांज) स्पष्ट है कि वह किसी भी नए उद्यम में कम से कम 50% भागीदार बनना चाहता है और हो सकता है कि वह इससे अधिक हिस्सेदारी के लिए भी तैयार हो। साथ ही, वह प्रबंधन और संचालन में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका भी चाहता है। इस मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, बजाज ग्रुप अपनी हिस्सेदारी कम करने के लिए ज्यादा उत्सुक नहीं था, जिसके कारण उनकी साझेदारी की दिशा को लेकर मतभेद पैदा हो गए। भारत में बीमा क्षेत्र में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति है।
आलियांज-जियो वेंचर की औपचारिक घोषणा कब होगी
आलियांज-जियो वेंचर की औपचारिक घोषणा तब की जाएगी जब भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) जैसे नियामकों से मंजूरी मिल जाएगी। आलियांज को पहले खुद को प्रमोटर के रूप में हटाना होगा।
नए अवसरों की तलाश में जर्मन ग्रुप
जर्मन समूह भारत को अपने ग्रोथ मार्केट में से एक मानता है और यह नए अवसरों की तलाश करेगा जो बाजार में उसकी स्थिति को मजबूत करें और “निवेशक के साथ-साथ ऑपरेटर के रूप में सेवा करने” की क्षमता का विस्तार करें। जैसे ही राशि उपलब्ध होगी, “आलियांज उनके उपयोग के लिए विकल्पों पर विचार करेगा जो कंपनी की रणनीतिक महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करते हैं, विशेष रूप से भारत में नए अवसरों में निवेश।”
एजीएम में JFSL की योजनाओं का जिक्र
RIL के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने 2023 के एजीएम में JFSL की योजनाओं का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि JFSL “बीमा क्षेत्र में प्रवेश करेगा और सरल, लेकिन स्मार्ट, जीवन, सामान्य और स्वास्थ्य बीमा उत्पादों की पेशकश करेगा, संभवतः वैश्विक खिलाड़ियों के साथ साझेदारी में।”
JFSL के पास वर्तमान में एक इंश्योरेंस ब्रोकिंग बिजनेस है। उन्होंने अपने डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर पोर्टफोलियो को 24 से बढ़ाकर 54 प्लान तक कर दिया है। ये प्लान ऑटो, हेल्थ और लाइफ जैसी श्रेणियों में उपलब्ध हैं। JFSL अपने इंस्टीट्यूशनल प्लेटफॉर्म को भी मजबूत कर रहा है, जिसमें ग्रुप टर्म लाइफ, मेडिकल, पर्सनल एक्सीडेंट और कमर्शियल इंश्योरेंस शामिल हैं।
आलियांज एक बड़ा विदेशी संस्थागत निवेशक
भारतीय इक्विटी, डेट और इंफ्रास्ट्रक्चर में आलियांज एक बड़ा विदेशी संस्थागत निवेशक है। इसने भारत में FDI भी बढ़ाया है। अकेले वैकल्पिक निवेश में उन्होंने लगभग 1.5 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। उनके साझेदारों में कोटक महिंद्रा, एडलवाइस और गोदरेज ग्रुप जैसी कंपनियां शामिल हैं।
आलियांज के पास छह क्रॉस-बॉर्डर रीइंश्योरेंस लाइसेंस हैं और यह गिफ्ट सिटी में पहला विदेशी रीइंश्योरर भी है। उद्योग सूत्रों के अनुसार, जर्मन कंपनी एक बड़े और प्रभावशाली समूह के साथ साझेदारी करने के लिए उत्सुक है और रिलायंस एक स्पष्ट विकल्प है।
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