img-fluid

Navratri 2022 : नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की होती है अराधना, जानें पूजा विधि, कथा व आरती

September 28, 2022

नई दिल्‍ली। नवरात्रि की तीसरी शक्ति मां चंद्रघंटा की पूजा 28 सितंबर 2022 को की जाएगी. इस दिन उन लोगों को देवी चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta ) की पूजा (Worship) जरूर करनी चाहिए जो मंगल के अशुभ प्रभाव से पीड़िता हैं. कुंडली में मंगल के दूषित होने पर अधिक क्रोध आना, रोगों से परेशान (Worried) रहना जैसे कई लक्षण (Symptoms) दिखाई देते हैं. मंगल को साहस (courage to mars) और पराक्रम का प्रतीक माना गया है. वहीं देवी चंद्रघंटा की पूजा से भी साधक को वीरता और परक्रमी बनने का वरदान मिलता है. ऐसे में देवी की आराधना से मंगल के दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं. आइए जानते हैं मां चंद्रघंटा की आरती और कथा.



देवी चंद्रघंटा का स्वरूप
माता के शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। देवी के तीन नेत्र और दस हाथ हैं। इनके कर-कमल गदा, धनुष-बाण, खड्ग, त्रिशूल और अस्त्र-शस्त्र लिए, अग्नि जैसे वर्ण वाली ज्ञान से जगमगाने वाली और दीप्तिमती हैं। ये सिंह पर आरूढ़ हैं तथा युद्ध में लड़ने के लिए उन्मुख हैं। मां की कृपा से साधक के समस्त पाप और बाधाएं विनष्ट हो जाती है। देवी की कृपा से जातक पराक्रमी और निर्भयी हो जाता है।

मां चंद्रघंटा पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। फिर स्वच्छ कपड़े पहनकर पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कें। मां चंद्रघंटा का ध्यान करें। उनके सामने दीपक प्रज्वलित करें। अब देवी को चावल, सिंदूर, फूल आदि चीजें अर्पित करें। इसके बाद मां चंद्रघंटा को फल और केसर-दूध से बनी मिठाई या खीर का भोग लगाएं। फिर आरती करें और माता से किसी भी गलती के लिए क्षमा याचना करें।

मां चंद्रघंटा की आरती
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।

पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।

चंद्र समान तुम शीतल दाती

चंद्र तेज किरणों में समाती।

क्रोध को शांत करने वाली।

मीठे बोल सिखाने वाली।

मन की मालक मन भाती हो।

चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।

सुंदर भाव को लाने वाली।

हर संकट मे बचाने वाली।

हर बुधवार जो तुझे ध्याये।

श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।

मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।

सन्मुख घी की ज्योति जलाएं।

शीश झुका कहे मन की बाता।

पूर्ण आस करो जगदाता।

कांचीपुर स्थान तुम्हारा।

करनाटिका में मान तुम्हारा।

नाम तेरा रटूं महारानी।

भक्त की रक्षा करो भवानी।

मां चंद्रघंटा की कथा
पौराणिक कथा(mythology) के अनुसार दानवों का स्वामी महिषासुर (Mahishasura) ने इंद्रलोक और स्वर्गलोक में अपना आधिपत्य स्थापित करने के लिए देवताओं पर आक्रमण कर दिया था. कई दिनों तक देवाओं और देत्यों के बीच युद्ध चला. युद्ध में खुद को पराजित होता देख सभी देवता त्रिमूर्ति यानी कि भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पास पहुंचे. तीनों के क्रोध से मां चंद्रघंटा की उत्पत्ति हुई.

ऐसे हुई मां चंद्रघंटा की उत्पत्ति
राक्षसों का संहार करने के लिए शिव जी ने त्रिशूल, भगवान विष्णु ने चक्र, इंद्रदेव ने घंटा, सूर्य ने तलवार मां चंद्रघंटा को प्रदान किए. देवी चंद्रघंटा ने नवरात्रि के अंतिम दिन महिषासुर का वध कर विजय प्राप्त की और धर्म-संसार की रक्षा की.

नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्‍य सूचना के लिए है हम इसकी जांच का दावा नहीं करते हैं इन्‍हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

Share:

  • IRCTC घोटाला केस: क्‍या रद्द होगी तेजस्वी यादव की जमानत? CBI की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई आज

    Wed Sep 28 , 2022
    नई दिल्‍ली। बिहार(bihaar) के उप मुख्यमंत्री और आरजेडी नेताओं (Chief Minister and RJD leaders) की नजर आज दिल्ली हाईकोर्ट पर टिकी रहेगी. दरअसल, आज दिल्ली हाईकोर्ट(High Court) में सीबीआई की उस याचिका पर सुनवाई होगी जिसमें बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव(Deputy CM Tejashwi Yadav) को IRCTC घोटाला में दी गई जमानत को रद्द करने […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved