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गलवान घाटी में भारतीय जवानों के साथ चीनी सैनिकों की झड़प का नया वीडियो आया सामने

नई दिल्ली। चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प का एक नया वीडियो सामने आया है। इस वीडियों में सीमा के पास दोनों देशों के सैनिक आपस में हाथापाई करते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को चीन के मीडिया संस्थान साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) ने ट्वीट किया है। यह वीडियो कब का है, इसका खुलासा नहीं हुआ है लेकिन ये माना जा रहा है कि यह मई से पहले का है, क्योंकि उसके बाद दोनों ही देशों ने सैनिकों की संख्या अपने-अपने इलाके में बढ़ा दी है।
SCMP के ट्वीट किए गए वीडियो के मुताबिक जिस जगह दोनों देशों के जवानों के बीच झड़प हुई वह गलवान घाटी क्षेत्र का है। क्योंकि झड़प वाली जगह पर गलवान नदी स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रही है। भारत और चीन के सैनिक हाथ-पैर और डंडों से लड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसमें कुछ भारतीय सैनिकों के पास रायफल भी है लेकिन कोई उनका उपयोग करता नहीं दिख रहा है।

चीन के सैनिक डंडों और रायट शील्ड से मारपीट कर रहे हैं और खुद को बचा रहे हैं। SCMP का दावा है कि यह वीडियो सबसे पहले 8 सितंबर 2020 को ऑनलाइन दिखाई दिया। चीन के मिलिट्री स्रोत ने कहा कि यह कुछ महीने पुराना है। भारत कहता है कि उसके 20 जवान 15 जून को शहीद हो गए थे, जब चीनी सैनिकों के साथ उनकी झड़प हुई थी।
चीन के मिलिट्री विश्लेषक ने SCMP को नाम न बताने की शर्त पर बताया कि यह वीडियो उस झड़प का नहीं है। विश्लेषक का मानना है कि झड़प में दिख रहे हथियारों को देखते हुए ये लगता है कि यह मई 2020 का हो सकता है। क्योंकि इसमें गलवान नदी दिख रही है। गलवान नदी के पास हुई झड़प के बाद दोनों देशों ने अपने सैनिकों को ज्याद बेहतर हथियार मुहैया कराए हैं।
मई के बाद से ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव का माहौल चल रहा है। 45 साल बाद 7 सितंबर को चीन ने LAC पर फायरिंग भी की। चीन ने आरोप लगाया कि भारतीय जवानों ने उनकी सीमा पार की, इसलिए चेतावनी देने के लिए फायरिंग की गई। जबकि, भारतीय सेना ने इस बात से इनकार किया है। इंडियन आर्मी ने कहा हम अपनी सीमा में थे, चीन भड़काने वाली हरकतें कर रहा है।
इस बीच, खबर आ रही है कि पैंगोंग लेक के उत्तरी किनारे पर नए सिरे से चीनी सैनिकों का जमावड़ा शुरू हो गया है। उत्तरी किनारे पर फिंगर इलाके की रिजलाइन पर चीनी सैनिक बड़ी संख्या में जमा हो रहे हैं। 7 सितंबर को दक्षिणी किनारे पर घुसपैठ की कोशिश नाकाम होने के बाद यह जमावड़ा हो रहा है।
बुधवार शाम से चीनी सेना (पीएलए) की गतिविधियां इस इलाके में बढ़ गई है। चीन सीमा से सटे पठारी इलाकों में सैन्य साजो सामान की आमद बढ़ा रहा है। चीन देश के अलग अलग हिस्सों से हथियार और दूसरे सैन्य उपकरण यहां मंगवा रहा है। भारत के लद्दाख क्षेत्र में ब्लैक टॉप समेत कई रणनीतिक मोर्चों पर बढ़त बनाने के बाद चीन बार-बार घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। 29-30 अगस्त की रात से 8 सितंबर तक ऐसी कई नाकाम कोशिशें कर चुका है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जो हालात बन रहे हैं, उसमें कभी भी किसी छोटे से उकसावे पर भी दोनों देशों के बीच युद्ध की चिंगारी भड़क सकती है। इसके कुछ कारण भी विषेषज्ञों ने बताए हैं। एलएसी पर हालात 1962 से भी ज्याद गंभीर हो गए हैं। 45 साल पुराना समझौता टूट चुका है। पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना की मजबूत पैठ से चीन पूरी तरह बौखला गया है। यही वजह है कि दूसरा फ्रंट खोलने के लिए चीन लागातर हथियार देकर पाकिस्तान को मजबूत कर रहा है।

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