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एक बार फिर भर्तियों में बीजेपी के गड़बड़झालों की पोल खुल गई – पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा

May 27, 2025


चंडीगढ़ । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Former Chief Minister Bhupinder Singh Hoodda) ने कहा कि एक बार फिर भर्तियों में बीजेपी के गड़बड़झालों की (Once again BJP’s irregularities in Recruitments) पोल खुल गई (Have been Exposed) । खुद हाई कोर्ट ने इस सरकार द्वारा की गई भर्तियों पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है। कोर्ट ने कहा है कि 2019 के बाद हुई सभी भर्तियों के परिणाम अब दोबारा से जारी करने होंगे, क्योंकि सरकार ने गलत नियमों के तहत ये भर्तियां की हैं।


हुड्डा ने कहा कि सामाजिक आर्थिक आधार पर अंक देने की नीति को भाजपा सरकार कोर्ट में डिफेंड नहीं कर पाई। आखिर सरकार में बैठे वो कौन लोग हैं, जो ऐसी नीतियां बनाते हैं, जो कोर्ट में नहीं ठहर पातीं? इसका खामियाजा उन युवाओं को भुगतना पड़ेगा, जो कई साल से नौकरी कर रहे हैं। इससे पहले भी बीजेपी कार्यकाल के भर्ती घपलों, घोटालों और अनियमितताओं को लेकर हाई कोर्ट बार-बार कड़ी टिप्पणियां कर चुकी है। कई बार सरकार पर जुर्माना भी थोपा गया है। बावजूद इसके सरकार अपने रवैया से बाज नहीं आई।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भर्तियों को जानबूझकर लटकाना, भटकाना और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करना बीजेपी की तय नीति बन चुकी है। जानबूझकर भर्ती नियमों में ऐसे लूप होल छोड़े जाते हैं, जिसके चलते भर्ती बाद में जाकर कोर्ट में फंस जाती है और फिर भाजपा को नौकरियां ना देने का बहाना मिल जाता है। इस सरकार की शायद ही ऐसी कोई भर्ती होगी, जो कोर्ट में ना गई हो।यही वजह है कि आज हरियाणा के सरकारी विभागों में 2 लाख से पद ज्यादा पद खाली पड़े हुए हैं।

हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान दो लाख से ज्यादा पक्की नौकरियां दी गई थीं। साथ ही कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की ऐतिहासिक नीति बनाई गई थी। उस नीति के तहत लगे हजारों कर्मचारी आज भी सरकारी विभागों में नौकरी कर रहे हैं। बीजेपी सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद, कांग्रेस सरकार में हुई एक भी भर्ती में वो कोई खामी या गड़बड़ी साबित कर पाई। कांग्रेस कार्यकाल में रोजगार पाने वालों की नौकरी छीनने के सारे भाजपाई हथकंडे औंधे मुंह गिर गए। पक्की भर्तियां ही नहीं, बल्कि कांग्रेस द्वारा बनाई गई कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की नीति पर भी कोर्ट ने खुद अपनी मुहर लगाई।

दूसरी तरफ, बीजेपी सरकार के दौरान कच्ची तो कच्ची, पक्की नौकरी करने वालों के सिर पर भी निकाले जाने की तलवार लटक रही है। ग्रुप-सी,डी से लेकर ग्रुप-बी तक की भर्तियां कोर्ट में नहीं टिक पा रही हैं। वहीं, कौशल निगम के तहत बीजेपी ने जिन कर्मियों को पक्का करने का ऐलान किया था, लगातार उन्हें भी काम से हटाया जा रहा है। आए दिन किसी ना किसी विभाग से कौशल कर्मियों को निकाले जाने की लिस्ट जारी होती रहती है। जबकि संविदा के तहत भर्ती किए गए जिन कर्मचारियों को बाद में कौशल निगम में मर्ज करके कुछ हद तक पक्का किया गया, उनमें भी ज्यादातर कर्मी कांग्रेस कार्यकाल के दौरान ही भर्ती हुए थे, क्योंकि कांग्रेस की भर्तियां नियमों और पारदर्शिता के हरेक पैमाने पर खरी उतरी हैं जबकि बीजेपी की भर्तियों में नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने सड़क से लेकर विधानसभा और संसद तक इस सरकार के मंसूबों को जगजाहिर किया था। बार-बार जनता को बताया कि इस सरकार का मकसद नौकरी देना नहीं बल्कि नौकरी को छीनना है। लेकिन कई भर्तियों के रिजल्ट को चुनाव के टाइम रोककर और कौशल निगम कर्मियों में भ्रम व झूठ फैलाकर भाजपा ने हजारों परिवारों के वोट हासिल कर लिए। अब उन परिवारों को बीजेपी पर भरोसा जताने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

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