कृष्णगिरी। मां पद्मावती के परम् उपासक, सिद्धसाधक, राष्ट्रसंत, श्रीकृष्णगिरी शक्ति पीठाधिपति, यतिवर्य, विद्यासागर, मंत्र शिरोमणि, सर्वधर्म दिवाकर परम पूज्य गुरुदेव डॉ. वसंतविजय (Revered Gurudev Dr. Vasantvijay) जी म.सा. ने कहा कि व्यक्ति को अपने मन पर नियंत्रण रखना चाहिए। मन में फालतू व बुरे विचार बिलकुल नहीं आने देंं और गुरु, धर्म, देव की साधना, आराधना और प्रभु भक्ति में लगाएं। शनिवार को अपने प्रवचन में डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने कहा कि अपने मन को चौकीदार बना दें तथा सावधान व सजग रहकर कार्य करें। वे बोले कि चंचल मन की गति इतनी तीव्र है कि इसको कोई माप नहीं सकता। मन ही छदमस्त प्राणी को विचलित करता है तथा अच्छे बुरे कार्यो के लिए प्रेरित करता है। मन में गलत धारणा व विचार आने पर तत्काल उसे नियंत्रित करें तथा तत्काल पश्चाताप करते हुए प्रभु का स्मरण करें। डॉ वसंतविजय जी म.सा. ने कहा कि आत्मा की एक ऐसी यात्रा करें और ज्ञान, साधना, आराधना में तल्लीन हो जाएं।
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