
जयपुर । पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Former Chief Minister Ashok Gehlot) ने कहा कि राजस्थान में (In Rajasthan)केवल लूट और झूठ की सरकार चल रही है (Only Government of Loot and Lies is Running) । उन्होंने कहा कि राजस्थान में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत नल कनेक्शन जारी करने की धीमी गति के कारण यह महत्वपूर्ण योजना पटरी से उतर गई है।
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने अपने पहले बजट वर्ष 2024-25 में 25 लाख जल कनेक्शन देने की घोषणा की थी, लेकिन केवल 9 लाख 44 हजार कनेक्शन ही दे सकी । यह संख्या कांग्रेस सरकार के पिछले वर्षों, 2022-23 (13.88 लाख) और 2023-24 (12.17 लाख), की तुलना में काफी कम है। चालू बजट वर्ष 2025-26 में सरकार ने 20 लाख नल कनेक्शन देने का लक्ष्य घोषित किया है, लेकिन इस बजट वर्ष के 6 महीने बीत जाने के बाद भी केवल 97 हजार कनेक्शन ही जारी किए जा सके हैं। वर्तमान औसत के आधार पर, अनुमान है कि इस पूरे वर्ष में केवल 2 लाख कनेक्शन ही दिए जा सकेंगे। विपक्षी दल ने इसे भाजपा के वादों के झूठ को उजागर करने वाला बताया है।
इस योजना के फेल होने के पीछे पीएचईडी विभाग की प्रशासनिक अव्यवस्था को मुख्य कारण बताया जा रहा है। आरोप है कि विभाग के 6 एडिशनल चीफ इंजिनियर, 3 सुप्रिटेंडेंट इंजिनियर, और 17 एक्सिएन को लंबे समय से एपीओ (अवेटिंग पोस्टिंग ऑर्डर) किया गया है। साथ ही, चहेते अधिकारियों को डबल चार्ज दिया गया है।
आरोपों में यह सवाल उठाया गया है कि क्या भ्रष्टाचार की नीयत के कारण ही जानबूझकर वरिष्ठ और सक्षम अधिकारियों को एपीओ किया गया है, जिसके चलते भाजपा सरकार में जल जीवन मिशन फेल हो रहा है। यह मुद्दा ऐसे समय में उठा है जब केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल आगामी 11 अक्टूबर को राजस्थान आने वाले हैं। विपक्ष ने मांग की है कि केंद्रीय मंत्री को मुख्यमंत्री से सीधे पूछना चाहिए कि “डबल इंजन सरकार” होने के बावजूद राजस्थान में जल जीवन मिशन की ऐसी दुर्गति क्यों हो रही है।
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