नई दिल्ली (Delhi) । विपक्षी दलों ने एक बार फिर चुनाव आयोग (Election commission) के रिमोट वोटिंग मशीन (RVM) के इस्तेमाल की आवश्यकता पर प्रश्न चिन्ह लगा दिए हैं। निर्वाचन आयोग (Election commission) से चुनाव प्रक्रिया के प्रति शहरी वर्ग की उदासीनता के मुद्दे का समाधान करने का आग्रह किया है।
जानकारी के लिए बता दें कि विपक्षी दलों ने रिमोट वोटिंग मशीन यानी आरवीएम के इस्तेमाल की आवश्यकता पर सोमवार को सवाल उठाए और निर्वाचन आयोग से चुनाव प्रक्रिया के प्रति शहरी वर्ग की उदासीनता के मुद्दे का समाधान करने का आग्रह किया।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्हें लगता है कि जब तक आम सहमति नहीं बन जाती, तब तक आरवीएम का कोई प्रदर्शन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आरवीएम का विचार स्वीकार्य नहीं है और देश के विशिष्ट नागरिकों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानि ईवीएम के बारे में उठाई गई चिंताओं का समाधान करना चाहिए।
बता दें कि निर्वाचन आयोग ने रिमोट वोटिंग मशीन के प्रदर्शन के लिए आठ राष्ट्रीय दलों और राज्यों के मान्यता प्राप्त 57 दलों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया था। आयोग के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा विकसित आरवीएम किसी भी तरह से इंटरनेट से नहीं जुड़ी होगी। इस प्रदर्शन के दौरान 8 राष्ट्रीय दलों और 40 रााज्यों के मान्यता प्रप्त दलों के प्रतिनिध शामिल रहे। इनमें राष्ट्रीय दलों की तरफ से 16 प्रतिनिधि और राज्यों की तरफ से 67 लोग आए थे।
इस बैठक में जनता दल (यूनाइटेड), शिवसेना, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) , मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), नेशनल कॉन्फ्रेंस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) , विदुथलाई चिरुथईगल काची (वीसीके), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के नेताओं के साथ साथ राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य और कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल ने भी हिस्सा लिया था।
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