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भाजपा की रणनीति से विपक्षी एकता में बची खलबली, अब छोटे दलों को भी भेजा निमंत्रण, 24 हुईं पार्टियां

नई दिल्‍ली (New Delhi) । विपक्षी एकता (opposition unity) की बैठक (meeting) के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी अपना कुनबा बढ़ा रही है। इसके कारण से अब विपक्षी दलों (opposition parties) को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी है। कांग्रेस (Congress) ने अब छोटे दलों को भी बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। 17-18 जुलाई को कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी एकता बैठक दूसरी बैठक में अब कम से कम 24 राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं के शामिल होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, आठ नई पार्टियों ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ एकजुट मोर्चा पेश करने के विपक्षी दलों के प्रयासों को अपना समर्थन दिया है।

सूत्रों के मुताबिक, मरूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके), कोंगु देसा मक्कल काची (केडीएमके), विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), केरल कांग्रेस (जोसेफ) और केरल कांग्रेस (मणि) उन नए राजनीतिक दलों में से हैं जो बैठक में शामिल होंगे।


उन्होंने यह भी कहा है, “कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होंगी।” गौरतलब है कि केडीएमके और एमडीएमके पहले 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के सहयोगी थे।

इस बीच, कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शीर्ष विपक्षी नेताओं को अगली एकता बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने शीर्ष विपक्षी दल के नेताओं को संबोधित एक पत्र में उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई 23 जून को पटना में आयोजित विपक्षी बैठक में उनकी भागीदारी के बारे में याद दिलाया है।

खड़गे ने अपने निमंत्रण पत्र में कहा, “बैठक एक बड़ी सफलता थी क्योंकि हम हमारी लोकतांत्रिक राजनीति को खतरे में डालने वाले विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने में सक्षम थे। साथ ही अगला लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने पर सर्वसम्मति से सहमत हुए।” कांग्रेस अध्यक्ष ने नेताओं को आगे याद दिलाया कि हम जुलाई में फिर से मिलने पर सहमत हुए हैं। पत्र में आगे कहा गया है, “मेरा मानना है कि इन चर्चाओं को जारी रखना और हमने जो गति बनाई है, उसे आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण है। हमें उन चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है, जिनका सामना हमारा देश कर रहा है।”

खड़गे ने आगे कहा है, “इसके अलावा मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि 17 जुलाई को शाम 6.00 बजे बेंगलुरु में रात्रिभोज के बाद होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए आप जरूर पधारें। बैठक 18 जुलाई 2023 को सुबह 11.00 बजे से फिर जारी रहेगी। बेंगलुरु में आपसे मिलने के लिए उत्सुक हूं।”

इससे पहले, राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने भी गुरुवार को कहा था कि वह विपक्षी दलों की बैठक के लिए बेंगलुरु जाएंगे।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विपक्षी एकता की पहली बैठक 23 जून को पटना में हुई थी, जिसमें 15 से अधिक दलों ने भाग लिया था। इस बैठक में शामिल होने वालों में एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन समेत कई नेता शामिल थे।

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