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CAA पर भागवत के बयान पर ओवैसी का जवाब-हम बच्चे नहीं हैं

October 25, 2020


नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर कहा है कि इस कानून से किसी को खतरा नहीं है। देश में मुस्लिम समुदाय को भ्रमित करने की साजिश की गई है। उनके इस बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा कि हम लोग बच्चे नहीं हैं कि हमें कोई ‘भटका’ दे। बीजेपी ने यह नहीं बताया कि एक साथ CAA+NRC का मतलब क्या है? अगर यह सिर्फ मुस्लिमों के लिए नहीं है तो सभी कानून से धर्म शब्द हटा दे। ओवैसी ने कहा, जान लीजिए हम लोग बार-बार प्रदर्शन करते रहेंगे, जब तक कानून में हमें खुद को भारतीय साबित करने की बात रहेगी। हम उस तरह के सभी कानून का विरोध करेंगे, जिसमें लोगों की नागरिकता धर्म के आधार पर तय की जाएगी।

वहीं बिहार चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) पर हमला करते हुए ओवैसी ने कहा, ‘मैं कांग्रेस, आरजेडी और उनके क्लोन से भी यह स्पष्ट कर दूं कि सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के दौरान आपकी चुप्पी लोग भूलेंगे नहीं। जब बीजेपी नेता सीमांचल के लोगों को घुसपैठिए करार दे रहे थे तो आरजेडी और कांग्रेस ने अपना मुंह बंद कर रखा था। उन्होंने कुछ नहीं बोला।

इससे पहले नागपुर में दशहरे के कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा, हमने देखा कि देश में CAA विरोधी प्रदर्शन हुए जिससे समाज में तनाव फैला। उन्होंने कहा कि कुछ पड़ोसी देशों से सांप्रदायिक कारणों से प्रताड़ित होकर विस्थापित किए जाने वाले व्यक्ति जो भारत में आते हैं, उन्हें इस CAA के जरिए नागरिकता दी जाएगी। भारत के उन पड़ोसी देशों में साम्प्रदायिक प्रताड़ना का इतिहास है। भारत के इस नागरिकता संशोधन कानून में किसी संप्रदाय विशेष का विरोध नहीं है।

संघ प्रमुख ने कहा कि जो भारत के नागरिक हैं उनके लिए इस कानून में कोई खतरा नहीं था। बाहर से अगर कोई आता है और वह भारत का नागरिक बनना चाहता है तो इसके लिए प्रावधान है जो बरकरार हैं। वो प्रक्रिया जैसी की तैसी है। आरएसएस चीफ ने कहा कि बावजूद इसके कुछ अवसरवादी लोगों ने इस कानून का विरोध करना शुरू किया और ऐसा माहौल बनाया कि इस देश में मुसलमानों की संख्या न बढ़े इसलिए ये कानून बनाया गया है। इसके बाद इस कानून का विरोध शुरू हो गया। देश के वातावरण में तनाव आ गया।

भागवत ने कहा कि CAA पर सार्थक विचार होता, इस पर मंथन होता इससे पहले ही कोरोना महामारी आ गई और सांप्रदायिक आंच लोगों के मन में ही रह गई। मोहन भागवत ने कहा कि CAA किसी धर्म विशेष के साथ भेदभाव नहीं करता है।

 

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