
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए चल रही चर्चा में एक नया एंगल भी जुड़ गया है। पोस्ट कोरोना इफेक्ट को लेकर डॉक्टर्स, शोध्कर्ताओ और जानकारों में चर्चा शुरू हो गई है। कोविड-19 से उबर चुके मरीजों को कई तरह की दूसरी बीमारियां हो रही है। उन्हें सिरदर्द, कमजोरी और सांस लेने में परेशानी आने लगी है। अधिकतम मरीजों के फेफड़ों पर सबसे बुरा असर पड़ा है। डॉक्टर्स के मुताबिक कोरोना वायरस के 60 प्रतिशत मरीजों की मौत फेफड़ों का काम बंद करने की वजह से होती है। इस रिसर्च से पता चला कि ठीक हो चुके 100 में से 90 लोगों के फेफड़ों में खराबी आ गई थी। सामान्य व्यक्ति के मुकाबले कोरोना को मात दे चुके मरीजों के फेफड़े काफी कमजोर थे।
कोरोना से उभरने के बाद करना पड़ा लंग ट्रांसप्लांट
अमेरिका के शिकागो में कोरोना संक्रमित एक 28 वर्षीय महिला का लंग ट्रांसप्लाट करना पड़ा। कोरोना वायरस ने उनके दोनों फेफड़ों को बुरी तरह से ख़राब कर दिया था। डॉक्टरों को उनके फेफड़ों को बदलना पड़ा। ये ऑपरेशन पहला ऑपरेशन था जो कोरोना वायरस की वजह से हुआ।
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