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‘PM मोदी ने तय की थी मिलिंद देवड़ा के पार्टी छोड़ने की टाइमिंग’, इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने यूं साधा निशाना

नई दिल्ली: मिलिंद देवड़ा के रविवार (14 जनवरी) को कांग्रेस से इस्तीफा देने की घोषणा के कुछ ही मिनटों बाद, पार्टी ने उनके पिता और कांग्रेस के दिवंगत नेता मुरली देवड़ा का जिक्र करते हुए उन पर हमला बोला.

पार्टी के जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “मुरली देवड़ा हमेशा कांग्रेस पार्टी के साथ खड़े रहे.” यही नहीं जयराम ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में आरोप लगाते हुए कहा कि जाहिर तौर पर यह सब एक तमाशा था और उन्होंने जाने का मन बना लिया था और उनके पार्टी छोड़ने की घोषणा करने का समय स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री की तरफ से तय किया गया था.

47 वर्षीय मिलिंद देवड़ा ने रविवार (14 जनवरी) को कांग्रेस के साथ अपने परिवार के 55 साल के रिश्ते को समाप्त कर दिया. उन्होंने एक्स पर लिखा, “आज मेरी राजनीतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हुआ है. मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया है, जिससे पार्टी के साथ मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है. मैं सभी नेताओं, सहकर्मियों और कार्यकर्ताओं का वर्षों से अटूट समर्थन करने के लिए आभारी हूं.”


जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, “मैं मुरली के साथ अपने लंबे वर्षों के जुड़ाव को बड़े चाव से याद करता हूं. उनके सभी राजनीतिक दलों में करीबी दोस्त थे, लेकिन वह एक कट्टर कांग्रेसी थे, जो सुख-सुविधा में हमेशा कांग्रेस पार्टी के साथ खड़े रहे. तथास्तु !”

वहीं, कांग्रेस की मुंबई इकाई ने लिखा, “देवड़ा परिवार हमेशा कांग्रेस पार्टी समर्थक रहा है. मुरली देवड़ा हर मुश्किल समय में पार्टी के साथ खड़े रहे और कांग्रेस को मुश्किल समय से बाहर निकलने में मदद की. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक रिश्ता खत्म हो रहा है.”

दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री का यह फैसला हाल ही में हुई सीट-शेयरिंग को लेकर हुई बैठक में तय फॉर्मूले के बाद आया है, जिसमें शिव सेना (UBT) ने दक्षिण मुंबई संसदीय क्षेत्र पर अपना दावा ठोका है. 2014 से पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व मिलिंद देवड़ा ही करते थे. देवड़ा ने इस सीट पर शिवसेना के दावे पर सार्वजनिक रूप से नाराजगी व्यक्त की थी.

वहीं, मिलिंद देवड़ा के कांग्रेस से इस्तीफे पर पश्चिम बंगाल से पार्टी के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “मैं इसमें क्या कह सकता हूं? अगर कोई पार्टी छोड़ना चाहता है, तो छोड़ सकता है. मैं उनसे पिछली बार नागपुर में मिला था और उनसे अच्छी बातचीत हुई थी.”

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