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PM मोदी ने भगवान बुद्ध के साथ जुड़ाव पर की बात, कहा- संस्कृति को नए सिरे से पेश कर रहा भारत

October 17, 2024

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) गुरुवार को अभिधम्म दिवस (Abhidhamma Day) पर दिल्ली में एक कार्यक्रम में शामिल हुए। विज्ञान भवन (Vigyan Bhawan) में बौद्ध भिक्षुओं (Buddhist Monks) को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध से अपने जुड़ाव पर बात की। साथ ही उन्होंने सरकार के पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने और भारत के अपनी संस्कृति और सभ्यता को नए सिरे से प्रस्तुत करने की बात कही।


भगवान बुद्ध से अपने जुड़ाव पर क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी?
पीएम मोदी ने कहा, “अभिधम्म दिवस हमें याद दिलाता है कि करुणा और सद्भावना से ही हम दुनिया को और बेहतर बना सकते हैं। इससे पहले 2021 में कुशीनगर में ऐसा ही आयोजन हुआ था, ये मेरा सौभाग्य है कि वहां उस आयोजन में भी मैं शामिल हुआ था। ये मेरा सौभाग्य है कि भगवान बुद्ध के साथ जुड़ाव की जो यात्रा मेरे जन्म के साथ शुरू हुई है, वो अनवरत जारी है। मेरा जन्म गुजरात के उस वड़नगर में हुआ, जो एक समय बौद्ध धर्म का महान केंद्र हुआ करता था।”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “पिछले 10 वर्षों में भारत के ऐतिहासिक बौद्ध तीर्थ स्थानों से लेकर दुनिया के अलग अलग देशों तक, नेपाल में भगवान बुद्ध की जन्मस्थली के दर्शन, मंगोलिया में उनकी प्रतिमा के अनावरण से लेकर श्रीलंका में वेसाक समारोह तक मुझे कितने ही पवित्र आयोजनों में शामिल होने का अवसर मिला है।”

उन्होंने कहा, “आज शरद पूर्णिमा का पवित्र पर्व भी है और आज ही भारतीय चेतना के महान ऋषि वाल्मीकि जी की जन्मजयंती भी है। मैं समस्त देशवासियों को शरद पूर्णिमा और वाल्मीकि जयंती की भी बधाई देता हूं।”

पाली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने पर कही ये बात
पीएम मोदी ने कहा, “इस वर्ष अभिधम्म दिवस के आयोजन के साथ एक ऐतिहासिक उपलब्धि भी जुड़ी है। भगवान बुद्ध के अभिधम्म, उनकी वाणी, उनकी शिक्षाएं जिस पाली भाषा में विरासत के तौर पर विश्व को मिली है, इसी महीने भारत सरकार ने उस पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है। पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का ये दर्जा, पाली भाषा का ये सम्मान भगवान बुद्ध की महान विरासत का सम्मान है।”

उन्होंने कहा, “अभिधम्म धम्म के निहित है, धम्म के मुलभाव को समझने के लिए पाली भाषा का ज्ञान आवश्यक है। धम्म यानी बुद्ध के संदेश, बुद्ध के सिद्धांत और मानव के अस्तित्व से जुड़े सवालों का समाधान। धम्म यानी मानवमात्र के लिए शांति का मार्ग, धम्म यानी बुद्ध की सर्वकालिक शिक्षाएं, धम्म यानी समूची मानवता के कल्याण का अटल आश्वासन।

‘भारत अपनी संस्कृति-सभ्यता को नए सिरे से प्रस्तुत कर रहा’
पीएम ने बताया कि तीन दिन बाद 20 अक्तूबर को वे वाराणसी जा रहे हैं, जहां सारनाथ में हुए अनेक विकास कार्यों का लोकार्पण किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम नए निर्माण के साथ-साथ अपने अतीत को भी सुरक्षित कर रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में हम 600 से ज्यादा प्राचीन धरोहरों, कलाकृतियों और अवशेषों को दुनिया के अलग-अलग देशों से वापस भारत लाए हैं। इनमें से कई अवशेष बौद्ध धर्म संबंधित हैं। यानी बुद्ध की विरासत के पुनर्जागरण में भारत अपनी संस्कृति और सभ्यता को नए सिरे से प्रस्तुत कर रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत की बुद्ध में आस्था केवल अपने लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता की सेवा का मार्ग है। भगवान बुद्ध को लेकर मैंने पहले भी कहा है कि बुद्ध, बौद्ध भी है और बुद्ध शोध भी है। इसलिए हम भगवान बुद्ध को जानने के लिए आंतरिक और अकादमिक दोनों तरह की रिसर्च पर जोर दे रहे हैं।” पीएम ने कहा कि मुझे खुशी है कि हमारे संत, बौद्ध संस्थान, हमारे भिक्षुकगण इस दिशा में युवाओं का मार्गदर्शन कर रहे हैं। विकसित होने की तरफ बढ़ रहा भारत अपनी जड़ों को भी मजबूत कर रहा है।

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